हिंदुओं की जनसंख्या घटती रही,तो नहीं बचेगा देश –"शेर के बच्चे –जितने ज्यादा उतने अच्छे"

 अखिल भारतीय सनातन बोर्ड की ओर से

–हिंदुओं की जनसंख्या घटती रही,तो नहीं बचेगा देश 

–"शेर के बच्चे –जितने ज्यादा उतने अच्छे"



–जाति धर्म के अनुसार अलग-अलग कानून स्वीकार नहीं

–महिलाएं करियर के लिए न करे,अपने परिवार की अनदेखी



कल दिनांक 29–06– 25 दिन रविवार को अखिल भारतीय सनातन बोर्ड विवाह विभाग की मासिक बैठक का आयोजन, यादव समाज के प्रतिनिधि श्री बागेश यादव के ब्रह्मपुर स्थित आवास पर किया गया 


विभाग अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह ने लव जिहाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार हिंदुओं की जनसंख्या कम होती रही तो यह देश नहीं रहेगा ,

आज देश विरोधी ताकते हिंदुओं को बाटकर देश का विभाजन करने को आतुर हैं ,अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने का दायित्व आज हम सबका है 


विभाग उपाध्यक्ष श्री नंदकिशोर जी ने समाज में जाति धर्म के अनुसार अलग-अलग कानून का विरोध करते हुए "समान आचार संहिता" की मांग की और कहां की सभी को समान धार्मिक अधिकार मिलने चाहिए सरकार हिंदू मंदिरों को मुक्त करें  और धर्ममंतरण करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाये


एडवोकेट अश्वनी भारद्वाज ने बताया कि पिछली सरकारों के समय सन 1960 से 1994 तक जारी डाक टिकटों में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के नाम पर सिर्फ हिंदू परिवार और बिंदी वाली महिला को दिखाकर केवल हिंदुओं को केंद्रित किया गया, जिसका व्यापक नकारात्मक प्रभाव हिंदू समाज पर हुआ है 


संगठन मंत्री डॉ सुशील गुप्ता ने बताया कि बॉलीवुड में हिंदू नाम रखे मुस्लिम अभिनेताओं के साथ हिंदू अभिनेत्री प्रेम प्रसंगों को लंबे समय तक दिखाकर हिंदू समाज में दूसरे समुदाय के युवकों को स्वीकार किए जाने को प्रोत्साहित किया गया,


एडवोकेट श्याम पाल दिवाकर ने बताया की परिवार नियोजन के लिए प्रचलित वाक्य "बच्चे दो ही अच्छे" और "शेर का बच्चा–एक ही अच्छा" के जवाब में हिंदू समाज को संबोधित कर बताया कि 

"शेर के बच्चे ,जितने ज्यादा उतने अच्छे"


डॉ संजीव सक्सेना जी ने –महिलाओं में अपना करियर बनाने और नौकरी करने के प्रवृत्ति बढ़ रही है जो हिंदू परिवारों में बच्चों की जन्म दर कम होने का मुख्य कारण है उन्होंने बताया 

कि एक हिंदू परिवार की संरचना में महिलाओं का कार्य परिवार को बढ़ाना ,बच्चों का पालन पोषण व संस्कार प्रदान करना और बुजुर्गों की देखभाल करना होना चाहिए,

यही महिलाओं के लिए सर्वोच्च धर्म है


एडवोकेट मुनेंद्र प्रताप सिंह ने  समाज से आवाहन किया कि पूरे समय अपने काम में व्यस्त ना रहे हैं ,

कोरोना कल के बाद आज स्वास्थ्य सर्वोपरि है,सुबह के समय व्यायाम करें,अपने मित्रों से मिलें व रोजाना मंदिर जाएं और वहां आपस में वार्तालाप करके वर्तमान समस्याओं का हल निकाले, 

इससे समाज की संरचना को बल मिलेगा।।

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