मुरारी की चौपाल पुस्तक की समीक्षा*

*मुरारी की चौपाल पुस्तक की समीक्षा* प्रख्यात व्यंगकार अतुल कुमार शर्मा जिनका जन्म 14 सितंबर 1982 को खरपड़ी ग्राम जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश में हुआ था जिनके हृदय राष्ट्र चिंतन एवं सुदृढ़ विचारों वाला रहा और उनकी रचना मंत्र मुग्ध कर देती है भाषा सरल प्रभावी है शब्दों का चयन बहुत ही आकर्षक रूप से किया गया है मुरारी की चौपाल पुस्तक जो सामाजिक कुरीतियों एवं संगतियों को उजागर करते हुए यह काव्य रचना लिखी गई है प्राचीन भारतीय संस्कृति के लिए रचनाओं के माध्यम से प्रकाश डाला गया है पशु पक्षियों के माध्यम से कुछ आज के वर्तमान को दर्शाया गया है इस पुस्तक में हर पहलुओं को छुआ गया है अधिकांश रचनाओं में भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं परंपरागत आडंबरो पर कटाक्ष किया गया इस पुस्तक में एक शब्द एक एक शानदार रचनाओं का समावेश है बुराइयों पर प्रकाश डाला गया है मुरारी की चौपाल साहित्य जगत में एक नवीन सूर्योदय का प्रमाण है जिसने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में व्याप्त सामाजिक घटनाओं पर प्रकाश डाला है नई पीढ़ी के अंदर अच्छे संस्कार गड़ने का काम कर रही सामाजिक सरोकारों से सुसज्जित रचनाओं का यह संग्रह पवित्...