शिल्पग्राम उत्सव में सुरमई हुई शाम- दमादम मस्त कलंदर... अली दा पहला नंबर - ज्योति नूरां की रेशमी आवाज ने सूफी कलामों से बांधा समां

शिल्पग्राम उत्सव में सुरमई हुई शाम- दमादम मस्त कलंदर... अली दा पहला नंबर - ज्योति नूरां की रेशमी आवाज ने सूफी कलामों से बांधा समां उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 22 दिसंबर।। शाम वो जो सुरमई हो जाए... सुर वो जो समां बांध दे.... समां वो कि कायनात करे इबादत... और इबादत वो जो``` सुरों से ज्योति नूरां करे और फिजां में पावन रंग भरे। जी हां, हम बात कर रहे हैं पंजाब की सूफी कलामों की जादूगरनी ज्योति नूरां की। जो मेवाड़ में आईं और शिल्पग्राम में ऐसी छाईं कि मुक्ताकाशी मंच के तमाम सामयीन के तमन्ना उठी कि वे अपनी रेशमी और कशिश भरी आवाज में रातभर सूफी कलाम और गाने सुनाती रहें। मौका था पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की ओर से आयोजित किए जा रहे वृहद शिल्पग्राम उत्सव का। इसमें शुक्रवार की शाम शिल्पग्राम में ज्योती नूरां की गायकी हमेशा-हमेशा के लिए छाप छोड़ गई। ज्योति ने सधे सुरों में क्लासिकल पुट और दिल तक उतरने वाली तानें छेड़ तरानों और सूफी कलामों में अपनी आवाज की ऐसी जादूगरी दिखाई कि हर कोई सम्मोहित सा हो गया। उन्होंने अलौकिक राही के कलाम मखमल सी है राहें पर काटे हैं पुरजोर, जोर ज...