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फ़रवरी 14, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मातृ-पितृ वन्दन दिवस मनाया

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 मातृ-पितृ वन्दन दिवस मनाया 💐🙏 सेठ श्रीएन.के. जाजोदिया राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय लक्ष्मणगढ सीकर में मातृ-पितृ वन्दन दिवस विद्यालय परिवार के साथ मनाया इस अवसर पर विद्यालय के संस्कृत के प्राध्यापक श्रीचन्द्रशेखर जोशी ने हर व्यक्ति के जीवन में माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता, एक पिता ही ऐसा होता है वो चाहता है कि मेरी सन्तान मेरे से भी ज्यादा अपने यश कीर्ति को फैलाये,पिता अपनी सन्तान के लिये तन,मन,धन और अपना जीवन सब कुछ समर्पित कर देता है। पिता के बिना किसी का अस्तित्व नहीं, पिता है तो सब कुछ है पिता है तो हट है,जिद्द है,पिता है तो संसार की सब खुशी अपनी है,पिता है तो सब सपने अपने है, पिता है तो सब खिलौने अपने है। और पिता नहीं तो सारा संसार शून्य है। इस लिए जिनके माता पिता है वो बडे शौभाग्य शाली है। सौ जन्म तक लेने पर भी पुत्र माता पिता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। पुत्र के लिए पिता परं ब्रह्म है। इसी प्रसंग पर श्री गणेश जी महाराज को प्रथम अधिपति पूजनीय क्यों माना गया। श्रीगणेश जी अपने माता पिता श्रीशिव पार्वती को ही सम्पूर्ण चराचर जगत ब्रमाण्ड सब इन में ही सम...

रा. उ.मा.वि.न्यौराना - पाटन में मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया गया

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 रा. उ.मा.वि.न्यौराना  - पाटन में मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया गया छात्र छात्राओं ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। मातृ पितृ पूजन पाती दिवस को विद्यार्थियों ने माता पिता को संवैधानिक अधिकारों की जानकारी देते हुए वोट के महत्व विषय पर पत्र लिखकर अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिय निवेदन किया। पत्र लेखन प्रतियोगिता में झन्नु यादव प्रथम , नचिता यादव द्वितीय और  प्रिया कक्षा दस की छात्रा तृतीय स्थान पर रही । प्रधानाचार्य श्रीमती निर्मला देवी ने मातृ पितृ दिवस को माता पिता को सम्मान देते हुए मताधिकार के महत्व को विस्तार से समझकर सभी को धन्यवाद देते हुए छात्राओं को पारितोषिक वितरण किया ।कार्यक्रम में समस्त विद्यालय स्टॉफ सदस्य  उपस्थित रहे।कार्यक्रम प्रभारी रोशन लाल योगी ने भी  विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया।

मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन

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       आज राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पचलंगी ब्लॉक उदयपुरवाटी जिला झुन्झुनूं में शिक्षा विभाग के आदेशानुसार  मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया जिसमें स्वीप गतिविधि पाती (मां और पिता के नाम) छात्र छात्राओं से लिखवाई गई जिसमें माता पिता एवं अभिभावक को अपने संवैधानिक अधिकार के प्रति जागरूक करने एवं वोट के अधिकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में अभिभावकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं अपने विचारों से छात्र छात्राओं को अवगत कराया तथा बालकों ने भी कविताओं व गीतों के माध्यम से माता पिता की महिमा का बखान किया।व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। पूनम , किट्टू,किरण ,राशि, मोनिका आदि बालिकाओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया तथा अभिभावक सरोज सैनी, बबीता शर्मा,लक्षिता जांगिड़, मीना खन्दा, सरोज वर्मा,फरजाना बानौ सहित कई अभिभावकों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। विद्यालय के शिक्षक परमवीर सिंह, भवानी शंकर, निर्मला सैनी आदि ने अपने विचारों से अभिभूत किया। तथा कक्षा 8 की छात्रा अन्नू सैनी को 8 वीं बोर्ड में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर प...

बेनाड रेलवे स्टेशन पर अवैध टू व्हीलर पार्किंग

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 जयपुर सीकर जयपुर लाइन पर बेनाड रेलवे स्टेशन पर आम जन बे रेलवे स्टाफ द्वारा प्लेटफॉर्म के नजदीक बने टिकट घर बेसमेंट में अनाधिकृत मोटरसाइकिल स्कूटी पार्किंग की जाती है बताया जाता है कि बेनाड रेलवे स्टेशन पर रेलवे द्वारा कोई भी पार्किंग सुविधा नहीं है जिसके कारण आमजन में रेलवे स्टाफ प्लेटफार्म के  बने हुए बेसमेंट मैं ही टू व्हीलर पार्किंग की जा रही है ज्ञात होगी बनाड़ रेलवे स्टेशन मास्टर तथा टिकट घर बुकिंग बाबू के परिचित ही अपनी टू व्हीलर मोटरसाइकिल स्कूटी खड़ी कर सकते हैं

सनातन संस्कृति में अनुशासन विहीन शिक्षा का औचित्य

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 सनातन संस्कृति में अनुशासन विहीन शिक्षा का औचित्य -- कैलाश चंद्र कौशिक जयपुर। एक छात्र संरक्षक और शिक्षा क्षेत्र में वर्षों की अनुभूति और अवलोकनों पर परीक्षण आलेख की हूबहू प्रस्तुति श्री राधे श्याम शर्मा सहायक लेखा अधिकारी का आलेख, आज के समय की वस्तु स्थिति और सुधार की जरूरत है।  अभिभावक बच्चों को स्कूल में शिक्षक द्वारा डांटने पीटने पर बुरा ना माने , ये बात समझे कि बच्चे की स्कूल में पिटाई अंत में पुलिस की पिटाई ठुकाई से अच्छी है तक जाना अनुचित है।  अनुशासन के लिए प्रसिद्ध स्कूलों में विद्यार्थियों के हेयर स्टाइल और उनकी चाल-ढाल को लेकर चाहे कितनी भी सख़्ती की जाए, उनके व्यवहार में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है। शिक्षक निराश होकर केवल देखते रह जाते हैं, लेकिन कुछ नहीं कर पाते। यदि माता-पिता का बच्चों पर ध्यान और नियंत्रण कम हो जाए, तो वे इस प्रकार के व्यक्तियों में तब्दील हो जाते हैं। अनुशासन केवल बातों से नहीं आता; थोड़ा डर और सजा भी जरूरी है। बच्चों को स्कूल में डर नहीं है, घर लौटने पर भी डर नहीं है, इसीलिए समाज आज भयभीत हो रहा है। वही बच्चे आज गुंडे बनकर लोगों पर ह...