ब्रिटिश सरकार की तर्ज पर न्याय- कानून प्रणाली में सुधार

ब्रिटिश सरकार की तर्ज पर न्याय- कानून प्रणाली में सुधार - कैलाश चंद्र कौशिक जयपुर! नई दिल्ली भारतीय प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की द्रष्टि से संसद ने देश द्रोह के कानून अन्य प्रावधानों मे संशोधन स्वीकृति प्रदान की है! नवाचारों का प्रवेश आगे बढ़ कर आयेगा जितना हम सब जानते हैं!कोई भी प्रकरण के निस्तारण की समय बद्धता नहीं होने पर,न्याय की प्रतिक्षा में , सजा कैद में ही भुगत लेता था! पुलिस भी किसी भी अपराधिक मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं करती थी, अब ज़ीरो पुलिस प्राथमिकी / आन लाइन दर्ज कर कार्यवाही करनी होगी! इससे मनमर्जी नहीं चलेगी और न्याय मिलने में आसानी रहेगी! इससे और भी आगे सरकार न्यायालयों में ज्यादा सरकारी अवकाश पर अंकुश लगाए , व्यक्ति के सुनबाई के अधिकारों को प्रथमिकता से समय बद्ध कर , सुनाने के लिये और निर्णय के लिए समय बद्ध करने की उम्मीद की जा सकती है! न्याय में विलंब अन्याय और भृष्टाचार का कारण है!