ओडिसी नृत्य में निर्वाण की आध्यात्मिक अनुभूति “बीच दो सांसों के बीच-संपूर्ण ब्रह्मांड” का आभास कराया शिव-शक्ति ने - विज्ञान भैरव तंत्र आधारित नृत्य में जिया शक्ति और सनातन बने शिव

ओडिसी नृत्य में निर्वाण की आध्यात्मिक अनुभूति “बीच दो सांसों के बीच-संपूर्ण ब्रह्मांड” का आभास कराया शिव-शक्ति ने - विज्ञान भैरव तंत्र आधारित नृत्य में जिया शक्ति और सनातन बने शिव उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 26 दिसंबर। विज्ञान भैरव तंत्र में भगवान शिव ने शक्ति के निर्वाण (मोक्ष) संबंधी प्रश्नों का सीधे उत्तर नहीं देकर नृत्याभिव्यक्ति से उसकी विधि बताई, जो केवल अध्यात्म के मार्ग से ही समझी जा सकती है। मिथक है कि गौतम बुद्ध ने निर्वाण की विधि बताई थी, जबकि वास्तव में शिव ने बुद्ध से भी हजारों वर्ष पूर्व शक्ति के प्रश्नों के उत्तर में 112 विधियां प्रतिपादित कर दी थीं, जो विज्ञान भैरव तंत्र कही गई। इसी तंत्र के अंतर्गत छह विधियां नृत्य के माध्यम से दिल को छू लेने वाली भाव-भंगिमाओं के साथ जिया नाथ और सनातन चक्रवर्ती पूरी शिद्दत से उकेरी। यह प्रस्तुति पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर के शिल्पग्राम उत्सव में मंगलवार को दी गई। दरअसल, ओडिसी आधारित इस डांस में जो छह विधियां प्रयुक्त की गईं, उनमें भैरव, भैरवी को आध्यात्मिक अभिव्यक्ति से यह संदेश देते हैं कि द...