आर्य समाज, हिरण मगरी, उदयपुर मनुष्य को अच्छे बुरे का फल अवश्य मिलता है --स्वामी विवेकानंद परिव्राजक
आर्य समाज, हिरण मगरी, उदयपुर
मनुष्य को अच्छे बुरे का फल अवश्य मिलता है --स्वामी विवेकानंद परिव्राजक
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। मनुष्य को अच्छे बुरे का फल अवश्य मिलता है। हमें यह मनुष्य जीवन पिछले अच्छे कर्मों का फल है। अब अगले जन्म में भी मनुष्य जन्म पाना है तो कम से कम पचास प्रतिशत श्रेष्ठ कर्म करने ही चाहिए। यह विचार आर्य समाज हिरण मगरी उदयपुर द्वारा निम्बार्क कॉलेज सभागार में आयोजित सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए दर्शनाचार्य स्वामी विवेकानंद परिव्राजक ने व्यक्त किये। स्वामी जी ने आगे कहा कि यदि आप बुरे कर्म करते है तो परमात्मा आपको मनुष्य से भिन्न पशु पक्षियों की योनी में जन्म देगा। मनुष्य कर्म करने में स्वंतत्र है किन्तु फल देना परमात्मा के हाथ में है।
संसार में ईश्वर, धर्म संबधी विवाद पर चर्चा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि संसार में विज्ञान, गणित आदि सभी शिक्षाऐं एक जैसी पढाई जाती हैं किन्तु ईश्वर धर्म की शिक्षा एक जैसी नहीं दी जाती है, एक जैसा नहीं पढ़ाते है। इसलिए संसार में विभिन्न ईश्वर धर्म है और विवाद है। अत: ईश्वर धर्म की एक जैसी शिक्षा देनी चाहिए।
आज की धर्म सभा में उदयपुर अतरिक्त जिला कलेक्टर श्री राजीव द्विवेदी, सुरेन्द्र त्रिवेदी आदि का सान्निध्य प्राप्त हुआ। अम्बालाल सनाढ्य, संजय शांडिल्य आर्य समाज के मंत्री वेद मित्र आर्य ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश जोशी ने किया।
सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा का समापन आज
22 फरवरी से प्रारम्भ सत्य सनातन वैदिक धर्म सभा का समापन 25 फरवरी को प्रात 8. 30 बजे निम्बार्क कॉलेज सभागार में होगा।
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