भूपाल नोबल्स स्नात्तकोत्तर में रजवाड़ी गीत प्रतियोगिता
भूपाल नोबल्स स्नात्तकोत्तर में रजवाड़ी गीत प्रतियोगिता
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। भूपाल नोबल्स संस्थान की संघटक इकाई भूपाल नोबल्स स्नात्तकोत्तर कन्या महाविद्यालय में भूपाल नोबल्स संस्थान एवं छात्रसंघ के संयुक्त तत्वावधान में महारानी विरद कंवर स्मृति रजवाड़ी गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्य अतिथि कार्यवाहक अध्यक्ष कर्नल प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत, कार्यक्रम के अध्यक्ष भूतपूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष एकलिंग सिंह झाला, अति विशिष्ट अतिथि मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह राठौड़, अति विशिष्ट अतिथि प्रबंध निदेशक श्रीमान्् मोहब्बत सिंह राठौड़ ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन किया। इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय अधिष्ठाता डाॅ. शिल्पा राठौड़ ने स्वागत उद्बोधन में महारानी विरद कंवर गीत प्रतियोगिता की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने इस प्रतियोगिता को राजसी गीतो के सरंक्षण का प्रतीक बताया।
मुख्य अतिथि प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने रजवाड़ी गीतों को सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का आधार बताते हुए गीत एवं लोक जीवन का गहरा तादात्मय बताया। रजवाड़ी गीतों की सुर ताल और मिठास अभूतपूर्व है जो जीवन को नई प्रेरणा प्रदान करती है। अतिविशिष्ट अतिथि मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह राठौड़ ने महारानी विरद कंवर की स्मृतियों को सांझा करते हुए बताया कि महारानीसा संगीत मर्मज्ञ थी एवं बाल्याकाल में उन्हें उनका विशिष्ट स्नेह प्राप्त हुआ। यह प्रतियोगिता उनकी स्मृतियों को सदैव हमारे मध्य जीवित रखेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भूतपूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष एकलिंग सिंह झाला ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन किया। उन्होनें बताया कि रजवाड़ी गीतों के मर्म को समझने के लिए उनके प्रसंगों को जानना भी आवश्यक है। प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड़ ने रजवाड़ी गीतों को संस्कृति की धरोहर बताया। आज के युवा वर्ग के लिए ये गीत प्रेरक है जिनमें गहन भावनाएं निहित है। इस प्रतियोगिता के निर्णायक प्रो. सीमा राठौड़, डाॅ. हितेष गौड़ एवं मारिषा जोशी दीक्षित रहे। कार्यक्रम संयोजिका डाॅ. अनिता राठौड़ ने विरद कंवर के जीवन पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि महारानी विरद कंवर मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह जी की महारानी थी एवं मेवाड़ दरबार के प्रमुख पद पर रहते हुए पारंपरिक मूल्यों का पालन किया। इस प्रतियोगिता की सह-संयोजिका डाॅ. रेखा मेनारिया ने रजवाड़ी गीतों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस प्रतियोगिता के विजेता अंजली जैन, बी.एन पी.जी कन्या महाविद्यालय, उदयपुर एवं सुमित मण्डल, बी.एन.पी.जी महाविद्यालय, उदयपुर रहे। इस अवसर पर स्नातकोत्तर अध्ययन संकाय के अधिष्ठाता डाॅ. प्रेम सिंह रावलोत, विज्ञान संकाय अधिष्ठाता डाॅ. रेणु राठौड़, सह अधिष्ठाता रितु तोमर, छात्र कल्याण सहअधिष्ठाता डाॅ. माधवी राठौड़, बी.एन. कन्या महाविद्यालय राजसमन्द की प्राचार्य डाॅ. अपर्णा शर्मा, सहअधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय डाॅ. ज्योतिरादित्य सिंह भाटी, सहअधिष्ठाता कृषि संकाय डाॅ. गरिमा बाबेल, के साथ ही अन्य संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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