महामहिम राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने पिपलांत्री में आयोजित 'पर्यावरण महोत्सव-2025' में की शिरकत

 महामहिम राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने पिपलांत्री में आयोजित 'पर्यावरण महोत्सव-2025' में की शिरकत




हर तहसील में हो पिपलांत्री-सा गाँव, पर्यावरण संरक्षण का यह मॉडल अनुकरणीय :राज्यपाल


पर्यावरण के प्रति प्रेम, आत्मीयता, समर्पण का अप्रतिम उदाहरण है पिपलांत्री :राज्यपाल


नन्हीं बच्चियों के जन्म का मनाया उत्सव, हर बच्ची के नाम पर लगे पौधे, राज्यपाल ने बेटियों का किया दुलार


राजसमंद / पुष्पा सोनी 


महामहिम राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने पर्यावरण संरक्षण के जाने-माने मॉडल ग्राम-पिपलांत्री में आयोजित 'पर्यावरण महोत्सव-2025' में शिरकत की। जब वे यहाँ पहुंचे तब बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं हर्षोल्लास के साथ अपनी नन्हीं-नन्हीं बच्चियों के साथ उपस्थित थीं। राज्यपाल श्री बागडे ने नन्हीं बच्चियों का दुलार कर उन्हें आशीर्वाद दिया।


जल ग्रहण एवं भू-संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र परिसर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि पर्यावरणविद श्री श्याम सुंदर पालीवाल (पद्मश्री) के प्रयासों से आज यहाँ चारों ओर हरियाली दिखाई देती है। यह गत 19 वर्षों में श्री श्याम सुंदर पालीवाल, श्रीमती अनीता पालीवाल और यहाँ के स्थानीय ग्रामीणों के पर्यावरण के प्रति प्रेम, आत्मीयता, समर्पण का परिणाम है। यहाँ ग्रामीणों ने न सिर्फ पौधे लगाए बल्कि उन्हें जीवित भी रखा, उसी का परिणाम है कि चारों ओर वृक्ष ही वृक्ष दिखाई देते हैं। हर बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाना अपने आप में अनुपम उदाहरण है।


राज्यपाल श्री बागडे ने कहा कि प्रदेश की हर तहसील में पिपलांत्री जैसा गाँव होना चाहिए, राजस्थान में भूमि की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो इच्छा शक्ति की। राज्यपाल श्री बागडे ने अमृता देवी के नेतृत्व में वृक्षों को बचाने के लिए बिश्नोई समुदाय के 363 लोगों द्वारा दिए गए बलिदान को भी याद कर उन्हें नमन किया। राज्यपाल श्री बागडे ने समस्त ग्रामीणों ने अपील कर कहा कि बेटियों को पढ़ाने-लिखाने में कोई कमी नहीं रखें, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निर्धनता से बाहर आने का सशक्त माध्यम है।


पिपलांत्री मॉडल के सूत्रधार पर्यावरणविद श्री श्याम सुंदर पालीवाल (पद्मश्री) ने कहा कि पिपलांत्री में आज तक 14 से 15 लाख पौधे लगाए गए हैं, जिनमें 1 लाख चंदन के वृक्ष शामिल है। एक समय था जब यहाँ भू-जल स्तर काफी कम था और पानी का संकट था, लेकिन जल संरक्षण गतिविधियों से अब यह जल स्तर काफी ऊपर आ गया है और पानी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई है। यह ग्रामीणों और भामाशाहों के सहयोग से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि आज यहाँ तालाब और कुओं में लबालब पानी है, गाँव में पलायन रुका है, गाँव के लोगों को गाँव में ही रोजगार मिला है, पिपलांत्री आज इको टूरिज़म के साथ-साथ कई नए अवसरों को बढ़ावा दे रहा है, डेयरी व्यवसाय भी फल-फूल रहा है।


जिला एवं सेशन जज श्री राघवेंद्र काछवाल ने गत 5 अप्रैल को पिपलांत्री में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण एवं माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधिपतिगण के भ्रमण का उल्लेख करते हुए बताया कि कार्यक्रम में भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश श्री बी आर गवई उपस्थित थे और उन्होंने भी इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की थी।


जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग के निदेशक श्री मोहम्मद जुनैद ने ग्राम पंचायत में जल ग्रहण के क्षेत्र में किए गए कार्यों, प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाए गए वंदे गंगा (जल संरक्षण-जन अभियान) की उपलब्धियां साझा करते हुए कहा कि अभियान में हुई गतिविधियों में ढाई करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया, जलाशयों की सफाई और संरक्षण संबंधी गतिविधियां हुई जिनके व्यापक परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। ग्राम पंचायत की प्रशासक श्रीमती अनीता पालीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत कर कहा कि पर्यावरण संरक्षण की यह मुहिम जीवनपर्यंत जारी रहेगी।


बच्चियों ने राज्यपाल की कलाई पर राखी बाँधी तो वहीं राज्यपाल ने पीपल का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। नवजन्मी बच्चियों के नाम पर समारोह स्थल पर उनकी माताओं द्वारा पौधे लगाए गए। कार्यक्रम की शुरुआत एवं समापन राष्ट्रगान से हुआ। यह दूसरा अवसर था जब श्री बागडे पिपलांत्री पहुंचे थे।


इस दौरान जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, प्रधान श्री अरविन्द सिंह राठौड़, सम्भागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, जिला कलक्टर श्री अरुण कुमार हसीजा, एसपी श्रीमती ममता गुप्ता, एडीएम श्री नरेश बुनकर, एडिशनल एसपी श्री महेंद्र पारीक एवं श्री रजत बिश्नोई, ग्राम पंचायत की प्रशासक श्रीमती अनीता पालीवाल सहित अन्य उपस्थित रहे।

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