पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की मासिक रंगशाला में बिखरा गाइड वंस अगेन का जादू

 पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की मासिक रंगशाला में बिखरा गाइड वंस अगेन का जादू


उदयपुर के गाइड और रूसी लड़की के निश्छल प्रेम की कहानी ने बांधे रखा  दर्शकों को

झील संरक्षण, देशप्रेम और जन्मभूमि के प्रति समर्पण का दिया संदेश


उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ के अंतर्गत रविवार को ‘गाइड वन्स अगेन’ नाटक का मंचन किया गया।

पश्चिम क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र उदयपुर के निदेशक फ़ुरकान खान ने बताया की प्रति माह आयोजित होने वाली मासिक नाट्य संध्या रंगशाला के अंतर्गत मॉलिक आर्गेनाईजेशन परफॉर्मिंग आर्ट्स की ओर से ‘गाइड वन्स अगेन’ नाटक का मंचन शिल्पग्राम स्थित दर्पण सभागार में किया गया।  

कहानी गौरीकांत शर्मा ने लिखी और इसका नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशक शिवराज सोनवाल ने किया। “गाइड-वन्स अगेन” नाटक के मुख्य पात्र गाइड के किरदार को कुलदीप धाभाई ने अपने बेजोड़ अभिनय से जीवंत कर दिया। स्वेतलाना के किरदार को शोना मल्होत्रा ने भावों की अभिव्यक्ति के अपने हूनर से दर्शकों के दिलों पर स्थापित कर दिया। नाटक में यशस्वी श्रीवास्तव, पायल मेनारिया, निखिल सत्संगी (अमी), अमित व्यास, मानस जैन, यश कुमावत, प्रवर खंडेलवाल, सुखदेव राव, गुनीशा एवं प्रद्युम्न ने विभिन्न भूमिकाओं को जीवंत किया। वस्त्र परिकल्पना रेखा शर्मा की थी वहीं संगीत डिजाइन एवं लाइव गायन दिविषा घारू और अमी का रहा। मेकअप और मंच सज्जा संदीप सेन की थी।


*उदयपुर की जड़ों से जुड़ा नाटक*

प्रसिद्ध फिल्म “गाइड” की अधिकांश शूटिंग उदयपुर और आसपास के क्षेत्रों में हुई थी। 1965 में प्रदर्शित इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को नया आयाम दिया और साथ ही उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाई। इसी पृष्ठभूमि को आधार बनाकर प्रस्तुत किया गया नाटक “गाइड – वन्स अगेन” मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा और विरासत को पुनः जीवंत करने का प्रयास रहा। 

नाटक की कथा उदयपुर शहर के जगदीश चौक, गणगौर घाट क्षेत्र में एक गाइड राजू और रूस से आई शोधार्थी स्वेतलाना के बीच पनपते निश्छल प्रेम पर केंद्रित रही। इसे बेहद खूबसूरत अंदाज में रंगमंच पर जीवंत किया गया। नाटक के माध्यम से जहां एक ओर उदयपुर की शान झीलों को स्वच्छ और संरक्षित रखने का महत्वपूर्ण संदेश दिया गया, वहीं दूसरी ओर अपनी माटी से जुड़ाव को भी बहुत भावनात्मक रूप से अभिव्यक्ति दी गई। 


*साहित्य और रंगकर्म का संगम*

यह नाट्य प्रस्तुति फिल्म “गाइड” को रंगमंचीय श्रद्धांजलि रही। इसकी कहानी साहित्यकार गौरीकान्त शर्मा ने लिखी, जबकि नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना और निर्देशन शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने किया। दर्शकों ने इसे एक यादगार अनुभव बताया, जिसने उन्हें उस जादुई एहसास से रूबरू कराया जिसने “गाइड” को कालजयी बनाया और उदयपुर को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से नाटक के सफल मंचन के साथ ही उदयपुर की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः पहचान दिलाने की दिशा में यह आयोजन मील का पत्थर साबित हुआ।

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