उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव में दंगल फिल्म के कलाकार वीरेंद्र एवं लेखिका गायत्री पहुंचे

 उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव में दंगल फिल्म के कलाकार वीरेंद्र एवं लेखिका गायत्री पहुंचे



उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल

उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 24 जनवरी। 3 जनवरी से चल रहे 'उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव' में बच्चे बाल केन्द्रित गतिविधियों में शामिल होकर सीखने का आनंद ले रहे हैं। बच्चों के साथ इन गतिविधियों का सञ्चालन राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ व साधन सेवियों द्वारा किया जा रहा है। 23-24 जनवरी को कथा मंच टीम से आये 'दंगल' फिल्म कलाकार वीरेंद्र व लेखिका गायत्री ने बच्चों के साथ काम किया। इस दौरान इमेज थियेटर व स्टोरी टेलिंग के माध्यम से बच्चों में सीखने के आत्मविश्वास को बढ़ाने, भाषा सीखने तथा बच्चों की प्रस्तुति को बेहतर बनाने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। एकलब्य फाउंडेशन से आये साधन सेबी कार्तिक ने बच्चों के सुनने-समझने, लिखने तथा उनकी कल्पना को बढ़ाने वाली विभिन्न गतिविधियां करवाई। दिल्ली विश्वविद्यालय से रिटायर्ड व लेखिका प्रो. साधना सक्सेना ने लड़कियों के साथ 'लिखना दिल से' सत्र में भागीदारी की। अपने लेखन में लड़कियों ने बन्धनों से मुक्ति और सपनों को उड़ान देने वाले विचारों को लिखा । थर्ड स्पेस संस्था से आये विशेषज्ञों ने बच्चों के साथ कबाड़ से जुगाड़ सम्बन्धी कई गतिविधियों का आयोजन किया। विद्या भवन शिक्षा संदर्भ केंद्र की रिसोर्स पर्सन डॉ खिग्धा के सत्र 'करो, सीखो और वैज्ञानिक बनों में बच्चों को करके सीखने का मौका मिला ।

इस आयोजन में बच्चे बिना किसी दबाव व तनाव के सीखने-समझने की प्रक्रिया में शामिल होकर खुश हो रहे हैं। उदयपुर चिल्ड्रेन बुक फेस्टिवल द्वारा 7 राजकीय विद्यालय के पुस्तकालयों को 35 हजार रूपये की किताबें डोनेट की जा चुकी हैं।

यह महोत्सव 31 जनवरी तक चलेगा। अभी तक उदयपुर के 20 राजकीय विद्यालयों के साथ सेवा मंदिर, जतन, बधिर व बौद्धिक दिव्यांग स्कूल अभिलाषा, हंसराज बालिका आश्रम, विद्या भवन एवं खालसा पब्लिक स्कूल के एक हजार से अधिक बच्चों ने बाल पुस्तक महोत्सव में शामिल होकर सीखने-समझने की शैक्षिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इन बच्चों के साथ शहर के हजारों आम नागरिक भी अपने बच्चों के साथ इस अभियान का हिस्सा बने, उन्होंने अपने बच्चों के लिए यहाँ से विश्वस्तरीय बाल साहित्य व शैक्षिक सामग्री प्राप्त की है।

दिल्ली विश्वविद्यालय से रिटायर्ड व भाषाविद प्रो. रमाकांत अग्निहोत्री ने बताया कि उदयपुर में बच्चों के लिए अपनी तरह का यह पहला प्रयास है और इसे हर साल आयोजित किया जाएगा। इस तरह के प्रयास से बच्चों में पढ़ने, समझने और सीखने की आदत व संस्कृति को आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। विद्या भवन की ज्योति चौरडिया ने बताया कि विद्या भवन शिक्षा संदर्भ केंद्र द्वारा यह आयोजन एकलव्य, एच. टी. पारिख फाउंडेशन, लैंग्वेज लर्निंग फाउंडेशन, सेंटर फॉर माइक्रों फाइनेंस, तथा रमा मेहता ट्रस्ट जैसी जानी-मानी संस्थाओं के साथ मिलकर किया जा रहा है।

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