गलती बाल अधिकारिता विभाग के पूर्व सहायक निदेशक मीना शर्मा की जिससे आज तक अनुदान के लिए तड़प रहा लवीना संस्थान
गलती बाल अधिकारिता विभाग के पूर्व सहायक निदेशक मीना शर्मा की जिससे आज तक अनुदान के लिए तड़प रहा लवीना संस्थान
संस्थान का भूमी आवंटन भी रुका, स्वीकृत अनावर्तक मद भी डकार गए अधिकारी
विशाखा व्यास//राजस्थान/उदयपुर
माननीय उच्च न्यायालय, जोधपुर के स्थगन आदेश से संचालित ओपन शेल्टर होम, ओंगना को दायर याचिका के तहत अनुदान आज तक नहीं मिला है।इधर वर्तमान में संचालन का भी अनुदान जनवरी 2024 से अब तक बाकी चल रहा है।संस्थान के द्वारा हाइकोर्ट की शरण लेने से भूमी आवंटन की प्रक्रिया को सहायक निदेशक मीना शर्मा ने ठंडे बस्ते में डाल दिया।उसके बाद हाइकोर्ट के कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट के ऑर्डर भी ठंडे बस्ते में है।विशेष यह भी मीना शर्मा ने पदोन्नति के बावजूद वीआरएस ले लिया।लवीना संस्थान के ओपन शेल्टर होम के वित्तीय प्रस्ताव मीना शर्मा द्वारा वर्ष 2017 से निरन्तर लिए गए।लेकिन अनुदान के नाम पर अनावर्तक मद का स्वीकृत 454500/-आज तक नहीं दिया गया जो कि होम के संचालन हेतु क्रय की गई सामग्री का अनुदान था।होम की संचालन सामग्री का निवासरत बच्चों ने तो उपयोग लिया पर विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के समय भरपूर उपयोग में लेने के बाद भी आज तक अनुदान नहीं जारी करना विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
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