सीएमएचओ ने किया पडावली गोगुंदा क्षेत्र का सघन दौरा घरों में जाकर देखा तो पाया भरा हुआ पानी मच्छरों का सोर्स एंटी लार्वा एक्टिविटी के तहत पानी खाली कराकर सोर्स रिडक्शन की गतिविधि
सीएमएचओ ने किया पडावली गोगुंदा क्षेत्र का सघन दौरा
घरों में जाकर देखा तो पाया भरा हुआ पानी मच्छरों का सोर्स
एंटी लार्वा एक्टिविटी के तहत पानी खाली कराकर सोर्स रिडक्शन की गतिविधि
सुनील कुमार मिश्रा दैनिक शुभ भास्कर राजस्थान उदयपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि आज गोगुंदा क्षेत्र में पडावली पीएचसी के प्रभावित क्षेत्र लाम्बी सेमाल,पदमवाड़ी नयावास गावो का सघन दौरा किया जिसमें डिप्टी सीएमएचओ, आईडीएसपी टीम, बीसीएमओ, बीपीओ और पीएचसी पडावली के चिकित्सा अधिकारी साथ रहें।दौरे दौरान चिकित्सा टीम द्वारा की जा रही गतिविधियों किया निरीक्षण!
कुछ दिनों पूर्व पडावली क्षेत्र में मौसमी बीमारियो का प्रकोप हुआ था ।
सीएमएचओ डॉ बामनिया ने पीएचसी पडावली पर बैठक लेकर सभी एएनएम और आशाओं को निर्देश दिए कि मौसमी बीमारियो की रोकथाम हेतु गुणवत्ता पूर्ण गतिविधियां करें। प्रति दिन क्षेत्र में जाकर घर घर स्वास्थ्य परीक्षण करें और जो भी बीमार व्यक्ति मिलें उसे मौके पर ही चिकित्सा उपलब्ध करवाएं।
चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को निर्देश दिए कि पीएचसी पड़ावली चिकित्सा संस्थान 24*4 घंटे खोलकर आनेवाले मरीज़ों की जांच एव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाए ताकि रोगियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो!
डॉ बामनिया ने लाम्बी सेमल के गांव में घर घर जाकर निरीक्षण किया और एक घर में केलू की जगह तरपाल से ढका पाया तो इसमें एक जगह पानी भरा हुआ मिला तो स्वयं खाली करके एक बर्तन पात्र में देखने पर मच्छरों के लार्वा पाए जिसे खाली कर एंटीलार्वल गतिविधि कर सोर्स रिडक्शन कर आम लोगों को समझाया कि किस तरह घर में लंबे समय तक पानी भरा रहने से मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है उसे रोकने के लिये हर सप्ताह में पानी भरे पात्र को खाली करने से मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे!
डिप्टी सीएमएचओ डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि घरों में जाकर सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी का भौतिक सत्यापन किया गया और लोगों को बचाव हेतु जागरूक किया गया और मौसमी बीमारियां के रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए !
सभी एएनएम और आशाओं को निर्देश दिए कि जहां पानी इकट्ठा हो रहा है उसमें एमएलओ का छिड़काव करें और पानी की कुंडियों में गम्बूसिया मछली छोडी जाय।
बीसीएमओ डॉ दिनेश मीणा को निर्देश दिए की गतिविधियों की मोनिटरिंग कर प्रति दिन रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजी जाए।
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