कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर -तिलैया सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन (104 किलोमीटर) के दोहरीकरण को मंजूरी दी, जिसकी कुल लागत 2,192 करोड़ रुपये है*

 *कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर -तिलैया सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन (104 किलोमीटर) के दोहरीकरण को मंजूरी दी, जिसकी कुल लागत 2,192 करोड़ रुपये है*



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर- तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लागत लगभग 2,192 करोड़ रुपये है।


बिहार राज्य के चार जिलों को कवर करने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किमी की वृद्धि होगी।


परियोजना खंड राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी आदि जैसे प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करता है, जिससे देश भर से तीर्थयात्री और पर्यटक आकर्षित होते हैं।


मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गाँवों और लगभग 13.46 लाख आबादी तथा दो आकांक्षी जिलों (गया और नवादा) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी।


यह कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाई ऐश आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 26 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन साधन होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (5 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (24 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा, जो 1 (एक) करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।


बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव से परिचालन आसान होगा और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढाँचागत विकास संभव होगा। ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से "आत्मनिर्भर" बनाएगा और उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसरों को बढ़ाएगा।


ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।

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