कुमावत अंको की दुनिया व्यक्तित्व का सही आंकलन नही करती

 कुमावत


अंको की दुनिया व्यक्तित्व का सही आंकलन नही करती


संवाददाता विवेक अग्रवाल

उदयपुर (जनतंत्र की आवाज) 7 फरवरी। आलोक संस्थान के आलोक सीनियर सेकेंडरी स्कूल हिरण मगरी सेक्टर 11 मे परीक्षा और जीवन ' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता शिक्षाविद्, आलोक संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत थे।

डॉ प्रदीप कुमावत द्वारा ' परीक्षा और जीवन ' विषय को विशेष महत्व देते हुए बालकों को संबोधित करते हुए समझाया गया कि जो भी परीक्षाएँ बालकों के द्वारा दी जाती है वे केवल हर कक्षा के अनुरूप आगे बढ़ने हेतु हुआ करती है जिसका वास्तविक जीवन से कोई लेना नहीं होता है क्योंकि ये परीक्षाएँ आगे बढ़ने की सीढ़ी मात्र है किंतु सभी शिक्षकवृन्द की महती भूमिका यही कही जा सकती कि वे बालकों को जीवन की परीक्षा हेतु मानसिकऔर शारीरिक तौर पर तैयार करें जिससे बालक अपने जीवन में होने वाले उतार-चढ़ाव और विपरित परिस्थितियों का डटकर सामना कर सकें।

उन्होंने कहा की अभिभावकों को भी चाहिये कि केवल भौतिकतावाद के दिखावे के चलते किसी भी प्रकार से बालकों पर पढ़ाई के लिए अनावश्यक दबाव न डालें हो सके तो स्वाभिमान के साथ कर्म करके जीवन यापन करने की ओर बालकों के मार्ग प्रशस्त करें ताकि वे जीवन की उपलब्धियों को सकारात्मकता के साथ प्राप्त कर सकें। आत्मा के दर्शन पर ध्यान केंद्रित करने की बात को जीवन में उतारें।

डॉ कुमावत ने कहा की परीक्षा के दौरान और पश्चात बालक किसी भी प्रकार से प्रश्न पत्र के बारे में अभिभावक तथा अपने साथी मित्रों से चर्चा न करें ताकि वे तनावमुक्त होकर आगामी परीक्षा की तैयारी कर सकें और आगे बढ़ सकें। संतुलित आहार , अच्छी नींदऔर पानी पीने की आदतों में सुधारकर निश्चित तौर पर विद्यार्थी परीक्षाओं में अच्छे अंकों को प्राप्त कर व स्वमूल्यांकन के आधार पर जीवन की दिशा बदल सकता है और सुरक्षित और सुन्दर जीवन जीने योग्य बन सकता है। साथ ही परीक्षा के दौरान बालक स्वेच्छा से पढ़ें, मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देते हुए परीक्षा प्रश्नपत्र पूर्ण करें।

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