श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के प्रतिवेदन से रोजगार एवं व्यापार सहित कामगारों के भविष्य को बेहतर दिशा संभव - सांसद नीरज डांगी
श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के प्रतिवेदन से रोजगार एवं व्यापार सहित कामगारों के भविष्य को बेहतर दिशा संभव - सांसद नीरज डांगी
आबूरोड। राज्यसभा सांसद एवं श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य नीरज डांगी ने श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी "जूट उद्योग का विकास और संवर्धन" तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय (उच्चतर शिक्षा विभाग) के संबंध में 'राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) / राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के कार्यान्वयन" पर सरकार की कार्यवाही को दर्शाने वाला प्रतिवेदन सभा पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि श्रम, वस्त्र और कौशल विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के प्रतिवेदन के क्रियान्वयन से रोजगार एवं व्यापार सहित कामगारों के भविष्य को बेहतर दिशा दिया जाना संभव है।
सांसद डांगी ने बताया कि सभा पटल पर रखे गये प्रतिवेदन में वस्त्र मंत्रालय संबंधी 'जूट उद्योग का विकास और संवर्धन' संबंधी केन्द्रीय रेशम बोर्ड की योजनाएं, कार्यक्रम, कपास क्षेत्र का विकास, आजीविका संवर्धन के लिये कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरुकता क्रियान्वयन परियोजना, वस्त्र मंत्रालय के संबंध में संगठित और गैर संगठित क्षेत्रों में वस्त्र कामगारों के लिये कल्याणकारी योजनाएं, सामाजिक सुरक्षा उपाय और प्रशिक्षण महानिदेशालय का कार्यकरण के संबंध में अंतर्विष्ठ समिति की समुक्तियों / सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने बताया कि यह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय (उच्चतर शिक्षा विभाग) के संबंध में "राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस)/राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के कार्यान्वयन" संबंधी 33वें प्रतिवेदन पर कार्यवाही एवं 35वे प्रतिवेदन पर सरकार की कार्यवाही को दर्शाने वाला एवं श्रम और रोजगार मंत्रालय की अनुदान मांगों (2022-23) के संबंध में 30वें प्रतिवेदन पर सरकार द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी 38वां प्रतिवेदन पर सरकार द्वारा की गई कार्यवाही को दशाने वाला प्रतिवेदन है।
सांसद डांगी ने बताया कि वस्त्र मंत्रालय की अनुदान मांगों 2022-23 के संबंध में 30वें प्रतिवेदन पर सरकार द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी 38वें प्रतिवेदन पर आगे की गई कार्यवाही संबंधी प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया।
उन्होंने प्रतिवेदनों के माध्यम से सरकार को अवगत कराया कि श्रम, वस्त्र और कौशल विकास के संबंध में संसदीय स्थायी समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार आने वाले समय में इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं जिससे श्रम, रोजगार एवं व्यापार सहित कामगारों के भविष्य को बेहतर दिशा दी जा सकती है।
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