पर्यावरण दिवस छठवें तत्व प्लास्टिक को ना कहें घर से थैला लेकर चले सरिता
पर्यावरण दिवस
छठवें तत्व प्लास्टिक को ना कहें घर से थैला लेकर चले सरिता
विगत 3 दशकों से काम कर रही सरिता अग्निहोत्री कॉलेज में पढ़ते समय प्लास्टिक प्रतिबंध हेतु कार्य करने लगी स्वतः प्रेरित हो ,माननीय चीफ जस्टिस के सामने अपने देश के हितार्थ प्रतिबंध हेतु हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जनहित याचिका कर निर्णय अपने पक्ष में लेकर एक बहुत बड़ी जंग जीती l उनके अनुसार
पूरे भारत में गंदगी का एकमात्र कारण पॉलिथीन है इसे जलाए जाने पर विषैली गैसे निकलती है, इसकी हजारों साल उम्र है
हमारे शरीर में भी माइक्रो प्लास्टिक अत्यधिक मात्रा में पहुंच चुका हैl अतिवृष्टि अनावृष्टि अल्प दृष्टि का एकमात्र कारण प्लास्टिक जानवरों की अकाल मृत्यु का कारण भी यही है
सुझाव जो हमेशा देती हैं पृथक्करण का कार्य भी घर से ही शुरू करें इसे ना जलाएं एकत्र करके नगर निगम ,नगर पालिका , ग्राम पंचायत में देकर रुपए भी प्राप्त करें क्योंकि यह कारखाने में ऊर्जा के रूप में काम में आ रहा है सड़के बनाई जा रही है थर्मल पावर में प्रयोग करने हेतु रिसर्च का विषय है l
इस प्रतिबंध करने हेतु संपूर्ण देश से 5000 लोगों के हस्ताक्षर के साथ में, अनेकों वर्कशॉप सेमिनार के माध्यम से लोगों को डिस्पोजल ग्लास प्लेट का प्रयोग न किए जाने हेतु समझाइए करती आ रही है आपका कहना है कि आप अपने साथ में एक चम्मच कटोरी और गिलास स्वयं रखें ताकि डिस्पोजल का प्रयोग ही ना होl
अनेक धार्मिक संस्थाएं सामाजिक संस्थाएं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ में मिलकर अनवरत इसमे काम कर रही हैं l
सौजन्य _ कवि संगम त्रिपाठी
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