मेवाड़ चित्रकारी पर हुआ सिटी पेलेस में प्रो. दीप्ती खेड़ा का व्याख्यान
मेवाड़ चित्रकारी पर हुआ सिटी पेलेस में
प्रो. दीप्ती खेड़ा का व्याख्यान
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल जनतंत्र की आवाज।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से सिटी पेलेस सभागार में मेवाड़ी चित्रकारी में दिखाई देने विभिन्न भावों पर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के आर्ट हिस्ट्री एंड इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर दीप्ती खेड़ा ने व्याख्यान दिया ।
प्रोफेसर खेड़ा ने मेवाड़ की चित्रकारी पर विशेषतः 17वीं और 18वीं शताब्दी में मेवाड़ के चित्रकारों द्वारा चित्रित चित्रकारी की बारीकियों, चित्रों के रंगों व चित्रों में दिखाई देने वाले उत्साह, उमंग के उन भावों का वर्णन प्रस्तुत करते हुए टीवी स्क्रीन पर कई चित्रों को प्रस्तुत किया। ।
खासकर प्रो. खेड़ा मेवाड़ के ख्यातनाम आर्टिस्ट घासी की पेंटिंग्स की विशेषताएं बताई जिनमें बताया कि किसी प्रकार हम आज उन चित्रों को देखकर उस कालखण्ड में मनाए गए त्योहारों व अन्य अवसरों के उत्सवों आदि के भावों को समझ सकते हैं। यही नहीं मेवाड के इस आर्टिस्ट ने उस कालखण्ड में ब्रिटिश सरकार के पोलेटिक एजेंट्स के साथ हुई बैठकों एवं उत्सवों पर लगने वाले दरबार तथा दरबार में किस का स्थान कहाँ होगा आlदि पर सविस्तार वर्णन प्रस्तुत करते हुए मेवाड़ की कलात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों एवं उस कालखण्ड के इतिहास पर प्रकाश डाला।
प्रो. खेड़ा ने इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि लोग अक्सर यह मानते है कि मुगल पोट्रेट और ब्रिटिश पेंटिंग कला को लेकर आए जबकि यह गलत है। भारतीय कला में यह सब इनके पूर्व से ही दिखाई देता है जो हम मेवाड़ की नई राजधानी उदयपुर के चित्रों से समझ सकते हैं।
प्रो. खेड़ा ने महाराणा भीम सिंह एवं महाराणा जवान सिंह के समय में बने मेवाड़ की आकर्षक चित्रकारी के भावों में 'कोटा मेला रो भाव' के माध्यम से समझाया तथा विदेशी कलाकारों और मेवाड़ के कलाकारों के बनाए हुए चित्रों के अंतर पर भी प्रकाश डाला।
व्याख्यान के आरम्भ में फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने अतिथियों का स्वागत उद्बोधन किया तथा कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार - धन्यवाद ज्ञापित किया ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें