डॉ. रामगोपाल शर्मा दिनेश हुए शोधार्थियों से रूबरू
डॉ. रामगोपाल शर्मा दिनेश हुए शोधार्थियों से रूबरू
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल जनतंत्र की आवाज। हिंदी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य : सृजन और शोध विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ। विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन नंदवाना ने बताया कि दिल्ली से आए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामगोपाल शर्मा दिनेश ने मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी साहित्य: सृजन और शोध विषय पर बोलते हुए कहा कि आज के विद्यार्थियों को अपने अध्ययन और शोध के साथ-साथ रचनात्मक लेखन की ओर भी प्रवृत्त होना चाहिए। विद्यार्थियांे को अपनी रुचि अनुसार विधा का चयन कर कविता, कहानी, उपन्यास और अन्य कथेतर विधाओं की रचना करनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी लेखनी में निरंतर श्रेष्ठता आती रहेगी और वे भविष्य में एक बड़े रचनाकार बन पाएँगे।
उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को अपने शोध में गंभीरता लाने की आवश्यकता है। मात्र उपाधि प्राप्त कर लेना शोध का उद्देश्य नहीं होना चाहिए बल्कि आपको ऐसे शोध विषय का चयन करना चाहिए जिन पर अभी काम होने की संभावनाएँ हैं। ज्ञातव्य है कि डॉ. दिनेश 96 वर्ष की उम्र में भी साहित्य और लेखन की दिशा में सक्रिय हैं और वे इसी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आचार्य और विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में अधिष्ठाता रह चुके हैं। आज उनके साहित्य पर देशभर के विश्वविद्यालयों में शोधकार्य जारी हैं। उनके अब तक 232 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि साहित्यकार मनुष्य में मनुष्य पैदा करता है। साहित्यकार जीवन की चुनौतियों से बचता नहीं वह उन्हें स्वीकारता हुआ समाज का दिशाबोध करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. हेमंत द्विवेदी ने डॉ. रामगोपाल शर्मा ‘दिनेश’ के साहित्य की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों को उनके साहित्य के अध्ययन और शोध के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि साहित्य और कलाओं का घनिष्ठ संबंध होता है। एक साहित्यकार और एक चित्रकार कला परंपराओं और संस्कृति को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाते हैं। कार्यक्रम में स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन नंदवाना ने किया। आभार डॉ. नीतू परिहार ने व्यक्त किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष सिसोदिया ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ. कुंजन आचार्य, डॉ. भानुप्रिया रोहिला, डॉ. कोंपल वत्स, डॉ. रिपुदमन सिंह उज्जवल, डॉ. उमेश मिश्रा, पूजा व्यास, अशोक सोनी, छगनराम, सोहन लाल डिंडोर एव अन्य शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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