भाषा से दिब्यांग अनुसूचित जाति के परिवार को अबुआ आवास से किया गया वंचित* *पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं पाते हैं सरकारी मुलाजिमों ने इस परिवार पर भी नहीं की रहम*
*भाषा से दिब्यांग अनुसूचित जाति के परिवार को अबुआ आवास से किया गया वंचित*
*पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं पाते हैं सरकारी मुलाजिमों ने इस परिवार पर भी नहीं की रहम*
*उपायुक्त महोदया गरिमा सिंह से है गरीबों की काफी उम्मीदें*
*कामता पंचायत की ग्राम दामोदर जोब्या की मामला*
*चंदवा (लातेहार)* कामता पंचायत में भाषा से दिब्यांग अनुसूचित जाति के परिवार को अबुआ आवास से वंचित कर देने का मामला प्रकाश में आया है, पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं पाते हैं सरकारी मुलाजिमों ने इस परिवार पर भी तरस नहीं खाया।
राज्य में अबुआ आवास योजना के तहत गरीबों के लिए पक्का मकान मुहैया कराया जा रहा है लेकिन इस योजना पर सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं।
प्रखंड मुख्यालय से महज करीब 05 किलोमीटर दूर कामता पंचायत के ग्राम दामोदर के जोब्या में मिट्टी के छोटे से घर में रह रहे अनुसूचित जाति के परिवार जो पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं सकते हैं, उनकी बात स्पष्ट नहीं होने से उसकी स्थिति को देख कर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की अबुआ आवास गरीबों को देने की मीशन को प्रखंड कर्मी कैसे तार तार करने में लगे हैं।
कामता पंचायत अंतर्गत ग्राम दामोदर के जोब्या में स्व0 शिवब्रत राम के पुत्र अनोज राम, अनोज राम के पत्नी गीता देवी, चार लड़का लड़की है जिसमें राधीका कुमारी उम्र 08, रागिनी कुमारी 06, संतू कुमारी 4, आयुश कुमार 02 के साथ मिट्टी के छोटे घर में किसी तरह अपना सिर छिपाने को विवश हैं।
दोनों पति-पत्नी स्पष्ट नहीं बोल पाते हैं, भाषा से पुरी तरह दिब्यांग हैं, इनका जीवन गरीबी में गुजर रही है, दोनों पति पत्नी के साफ नहीं बोलने की हालत देखकर सभी को तरस आता है, लेकिन प्रखंड कर्मियों को तरस नहीं आई और वह इस परिवार का नाम अबुआ आवास की लिस्ट से हटा दिया है।
गांव के ग्रामीण बताते हैं कि परिवार की माली हालत सही नहीं है, बच्चों को भरण पोषण के लिए पुरे परिवार के साथ रोजी रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन कर जाते हैं।
पति पत्नी दोनों की बात स्पष्ट नहीं होने से यह परिवार अपनी लाचारी बयां भी नहीं कर पाते हैं, इस लिए उन्हें और भी परेशानी होती है, परिवार विकट समस्या से जूझ रही है।
इस परिवार को कोई सरकारी सुविधाएं अबतक नहीं मिल रही है, इस गरीब परिवार को पूछने वाला कोई नहीं है।
*उपायुक्त महोदया गरिमा सिंह से है ऐसे गरीब परिवारों को काफी उम्मीदें*
इस मामले पर पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने से पुछे जाने पर कहा है कि इस परिवार के बारे में मुझे भी जानकारी है, अबुआ आवास से वंचित करना इस परिवार के साथ अन्याय किया गया है, पंचायत में और भी कई दिब्यांग, विधवा गरीब का नाम अबुआ आवास की सूची से हटाया गया है जो काफी गलत है, छुटे हुए दिब्यांग गरीबों का नाम जोड़ने के लिए धरना भी दिया गया लेकिन अबतक नाम नहीं जोड़ा गया है, नए उपायुक्त गरिमा सिंह से उम्मीद है कि छुटे हुए गरीबों का नाम जोड़ने के लिए कुछ कदम जरुर उठाएंगे।
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