पशु पालन विभाग के करौली संयुक्त निदेशक कार्यालय के 13 वर्ष और पेंडेंसी वर्क बरकरार
पशु पालन विभाग के करौली संयुक्त निदेशक कार्यालय के 13 वर्ष और पेंडेंसी वर्क बरकरार
-- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! राजस्थान में कई सरकार आई गयी, अधिकारी, कर्मचारी आये गए...??
एक छोटे से काम के लिए 13 वर्ष बिताने पर भी कोई कार्य पूर्ण नहीं हुआ ? क्या कभी कोई इतने सालों में केवल सर्विस बुक में परिवर्तित पता अंकित किया जाना दुष्कर था! इतने वर्षों से लापर वाही देखिये ? और कार्य भी पुरे नहीं किये क्यों, कार्य रोकना और गलत प्रस्तुत करना भी भृष्टाचार में आता है?? पशु पालन के शासन सचिव, निदेशक,वरिष्ठ लेखाधिकारी महोदय के पूर्व में,आदेशों के उपरांत भी ड्यूटी समय में उचित माध्यम से प्रस्तुत अवकाश, मेडिकल अवकाश आज तक स्विकृति जारी कर भुगतान क्यों नहीं किया गया??
इनके विभाग में सभी कार्यों के पैसे डकारने का सिस्टम वर्षो से चला आ रहा है?
सर्विस बुक पशु पालन शाखा ने जाँच नाम से ही पेंडिंग डाल रखी है, काम सब चोरी का है ! मैंने देखा है निदेशक रंजन साहब का 19-03-1993 को आदेशित पत्र दिया ? बाद में जाँच अधिकारी और आदेशित पत्र सहित गायब हो गए जो कभी नहीं मिले! कोई बालेर नहीं आये, सभी गायब, किसी कर्मचारी की ड्यूटी पर हाजिरी नहीं कराना अत्यंत संवेदन शील मामला था ? वरिष्ठ कर्मचारी ने उपस्थिति पंजिका उपलव्ध नहीं होने दी, क्यों..???फिर ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक राजकीय प्रशासनिक इकाई ग्राम पंचायत ही है! ग्रामीण पशु चिकित्सालय की बालेर एसी एकाकी जगह में है!
फिर भी लंबा अंतराल होने के बाद पत्रांक - 6011/31-05-2012 में करौली से पूर्व में भेजी सर्विस बुक को वापस लौटाने हेतु जयपुर निदेशालय को लिखा गया! श्री हरि चरण सैनी सेवा निवृत् भी हो गए, इसी लिए चार्ज में, कपिल मीना कार्यालय सहायक को नहीं दे पाए, पत्रकार का केवल मानवीय द्रष्टि कोण है!अनेकों बार प्रार्थना पत्र करौली, निदेशालय जयपुर, लेकिन कोई भी समाधान आजतक नहीं हुआ? ऐसा क्या पशु पालन विभाग में जंग/फफूंदी छाई हुई है?? सरकारी विभाग बुरी तरह से लूटने में लगे हैं?
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