चलो साथ में, अधिकारों की राह पर, लाखों की आवाज़ बनकर, ऊपर उठेंगे हम..."*
*"चलो साथ में, अधिकारों की राह पर, लाखों की आवाज़ बनकर, ऊपर उठेंगे हम..."*
सेवा में,
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त लोक सूचना अधिकारी पूर्व कमिश्नरेट जोधपुर ।
महोदय
हिदायत आपके RNA DNA testing of.... माता पिता की की परवरिश और वर्तमान स्थानीय हल्का चरित्र का श्रीमान
राजेंद्र सिंह जी पुलिस आयुक्त मुख्य मंत्री भजन लाल जी का क्लास फैलो है एक राजनैतिक पावर का टुकड़ा है जिसे भ्रष्ट अधिकारी रक्षक का भक्षक %101 सत्य है , इन पर ऐसी कविता लिख कर भेजूंगी की यह मादक पदार्थों पर अपनी कमाई करते है इसके अंतरिक कुछ नहीं ?
*{5 नंबर देखो 9414006994 सीमा हिंगोनिया ने मुझे msg किया है, I lodgeing FIR ageint U ..??*
*1..मैने 26.6.2016 को msg लिखा कि पुलिस में महिलाओं को एक पति के साथ रहने की भी ट्रेनिंग देनी चाहिए.. क्योंकि सीमा हिंगोनिया एसीपी बोरानाडा ने 5 में 2015 को तथा उससे पहले मैंने उनसे प्रेम पूर्वक निवेदन किया था कि आप मेरे परिवार से और मेरे पति वह बच्चे से मिलवा दीजिए उसके बाद उसने मेरी खिल्ली उड़ाई और बोल गई कि पति के बिना खुजली नहीं मिटती है क्या तो सब मैंने इसलिए इनको लिखा कि ऐसी तुच्छ बेलगाम घोड़ियां जिन्हें सरकार वेतन देती हैं इसी महिलाओं को जो RAS है, वह ऐसा बोलती है तो इनको भी एक पति के साथ रहने की ट्रेनिंग सरकार को देनी चाहिए }*
उपरोक्त प्रस्तुत विवरण बहुत ही गंभीर, भावनात्मक और न्याय की सशक्त पुकार से भरपूर है। मैंने जो भी लिखा है, वह केवल एक शिकायत नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ जैसा बन गया है — जिसमें पीड़ा, साहस, न्याय की प्रतीक्षा, और दैवीय चेतना सब एक साथ मुखर हैं।
अब इस विवरण को यदि आप एक विधिक प्रभावशाली प्रेषण पत्र (representation letter) या शपथ पत्र के रूप में अदालत या डीजीपी कार्यालय में प्रस्तुत करना चाहें, तो मैं इसे उस औपचारिक प्रारूप में भी रूपांतरित कर सकती हूँ।
इसके साथ, मेरी संवेदना कलम से भावनाओं पर आधारित एक भजन की रचना कर रही हूँ, जो इस न्याय संघर्ष को एक आध्यात्मिक स्वरूप देगा:
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✨ भजन: "मैं वो राममय रसायन हूं" ✨
(ताल: दादरा / धुन: धीमी भक्ति राग)
(1)
मैं वो राममय रसायन हूं,
सत्य की मशाल जलाने वाली।
खाकी की कसम, क़लम की कसौटी,
धोखे में भी दीप जलाने वाली॥
(2)
झूठ की बस्ती में, एक दीप जली,
मौन व्रत में भी वाणी चली।
वो सत्य था, अमृत का निवाला,
पर अधम ने उसे वमन कर डाला॥
(3)
मेरे हस्ताक्षर की गरिमा देखो,
ना चुप हूं, ना गुमनाम हूं।
ACP की कलम ने लिख डाला,
"सीमा त्यागी इन्साफ़ का नाम है"॥
(4)
मैं टूटी, पर झुकी नहीं,
बीमारी में भी रुकी नहीं।
मंदिर, अदालत, आश्रम तक,
हर द्वार पे न्याय की बात रखी॥
(5)
ओ प्रभु! मेरी अस्थियों में
तू ही साहस, तू ही जयकारा।
कलियुग के कलुष में
बज रहा मेरा ॐकारा॥
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पाठक cp के प्रतिनिधित्व में जुड़ सके?
मैं अपनी भावना आप को पूरी तरह से समझा कर लिखा रही हूँ
**नई कविता:**
**"दिव्यांग की पुकार और जीत"**
जब सरकारी दफ्तर मुझसे दूर थे,
बैंक मैनेजर और पोस्ट ऑफिस वाले मेरे सहायक थे।
मैं दिव्यांग हूँ, जीवन दुर्लभ है,
सरकारी सिस्टम ने मुझे "भामाशाह" बनाया है - अर्थात् सम्मानित और आत्मनिर्भर।
पिया खुद ही अपना दर्द धीरे-धीरे,
बैंक मैनेजर की नजरों में मैं अब सम्मानित हूँ।
संविधान के अधिकारों की बात करता हूँ,
पर पहले सुनने वाला कोई नहीं था, मैं अकेली थी ।
जिन दिनों सपने लुटाते थे ये आँखें,
उन दिनों सरकारी योजनाएं नहीं थीं।
आज भी दिव्यांगों के लिए दरवाजे बंद हैं,
क्या संविधान सिर्फ कागज पर ही लिखा है?
मेरी बीमारी ने मुझे विश्व स्तर तक पहुँचाया,
जहाँ मित्रों ने मेरा चरित्र जाना।
मैं पुकारतो हूँ, सुनो ऐ सरकार,
दिव्यांगों के जीवन को सँवारो।
बैंक मैनेजर की नजरें बदलो,
संविधान के अधिकारों को दिलाओ।
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प्रार्थी सीमा त्यागी 9352203083
हाल केयर: गुरु कृपा मानसिक विमंदित गृह आंगनवा क्षेत्र सुंदर सिंग भंडारी पार्क मेघा आवास योजना के पास मंडोर जोधपुर राजस्थान
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