ऑपरेशन शील्ड" के तहत द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का सफल आयोजन हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, नीमराना में किया गया*
*""ऑपरेशन शील्ड" के तहत द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का सफल आयोजन हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, नीमराना में किया गया*
*136 फसें हुए लोगों को निकाला, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, आपात स्थिति में राहत, बचाव व सुरक्षा व्यवस्था के उपायों को परखा गया*
*जिला कलक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने विभागों का त्वरित प्रदर्शन परखा, समन्वय को सराहते हुए आवश्यक निर्देश दिए*
*करीब 119 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया एवं 15 घायलों को अस्पताल, 2 मृत को पोस्टमार्टम लिए भेजा*
कोटपूतली। सरकार के निर्देशानुसार हवाई हमले या अन्य किसी प्रकार की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से ऑपरेशन शील्ड के तहत द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, नीमराना के प्लांट में किया गया।
*मॉक ड्रिल का उद्देश्य*
हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली यथा सायरन की प्रभावशीलता का आकलन, नियत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण, निकासी योजनाओं 'की तैयारी का मूल्यांकन, महत्वपूर्ण संयत्रों / प्रतिष्ठानों को शीघ्र छिपाने का अभ्यास एवं नागरिक सुरक्षा सेवाओ की सक्रियता का आकलन, ब्लैकआउट क्रियान्यवन का अभ्यास, बचाव उपकरणों की उपलब्धता एवं कार्यशीलता का आकलन व विभिन्न विभागों के बीच समन्वय का आकलन करना। साथ ही यह मॉकड्रिल दुश्मन देश के हवाई हमले की स्थिति में मौके पर राहत एवं बचाव कार्य, घायलों को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने और अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से की गई।
*सायरन की आवाज के साथ ही प्रशासन हुआ सक्रिय*
आपातकालीन मॉक ड्रिल का अभ्यास शाम 5 बजे से किया गया। मॉकड्रिल के तहत हीरो प्लांट पर हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, चिकित्सा, अग्निशमन व अन्य संबंधित विभागों की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। एम्बूलेंस व फायर ब्रिगेड घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े और रिकॉर्ड समय में घटना स्थल पर पहुंचे। सायरनों की आवाज सुनकर हर कोई बचाव की मुद्रा में आ गया एवं हवाई हमले के बाद घायलों एवं प्रभावितों को बचाने के लिए जिला प्रशासन के सभी संबंधित विभाग सक्रिय हो गये। इस दौरान प्रशासन व पुलिस द्वारा आपात स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की प्रतिक्रिया और समन्वय की जांच की गई।
*136 लोगों को निकाला बाहर*
इस दौरान प्लांट के एडमिन ब्लॉक में फंसे 136 लोगों को बाहर निकाला गया जिनमें 119 लोगों को सुरक्षित निकालकर मोहन लाल दयाल विनय मंदिर स्कूल में बनाए सेफ हाउस में भेजा गया, 15 घायलों को चिकित्सक उपकरणों से लैस एम्बुलेंस के माध्यम से सीएचसी नीमराना में भर्ती किया गया एवं 1 सीरियस कंडीशन घायल को जयपुर रेफर किया गया एवं घटना में 2 मृत व्यक्तियों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
*मॉक ड्रिल में परखी व्यवस्थाएं एवं विभागों का समन्वय*
हवाई हमले की सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा आग बुझाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। सिविल डिफेंस एवं फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा रस्सी की सहायता से दो मंजिला भवन की छत से डेड बॉडी को नीचे उतारने का सजीव प्रदर्शन किया गया। इस दौरान फायर ब्रिगेड टीम ने पानी व फॉम के माध्यम से आग पर काबू पाने का मॉक ड्रिल किया.
*प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाली कमान*
हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल एवं अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने मौके पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लेकर टीम की सक्रियता को परखा। एसडीएम नीमराना महेंद्र सिंह एवं एएसपी शालिनी राज के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मोर्चा संभालकर परिस्थिति को नियंत्रण में लिया। डीएसपी सचिन शर्मा के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता द्वारा आसपास जमा भीड को हटाते हुये संभावित हमले से बचाव के लिये एसओपी की पालना के निर्देश दिये गए।
तहसीलदार अभिषेक यादव एवं सुमित भारद्वाज ने बचाव राहत कार्यों की टीम के साथ समन्वय का कार्य किया।
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने उनकी प्राथमिक जांच की और उन्हें उनकी चोटों की गंभीरता के अनुसार विभिन्न वार्डों में भेजा गया। इस दौरान बीसीएमएचओ डॉ. सविंद्र यादव के नेतृत्व में अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में तत्परता और समन्वय देखा गया। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने मॉकड्रिल में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की।
*सेफ हाउस और अस्पताल का लिया जायजा*
जिला कलक्टर और अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक भी नीमराना अस्पताल और मोहनलाल दयाल विनय मंदिर स्कूल में बनाए गए सेफ हाउस पहुंचे. उन्होंने अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया एवं आपातकालीन में लाए गए करीब 15 घायलों की स्थिति अनुरूप व्यवस्थाओं देखा। जिला कलक्टर ने अस्पताल प्रशासन से व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक फीडबैक भी दिया। साथ ही एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य आवश्यक चिकित्सक उपकरणों की स्थित, चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की उपस्थित को भी देखा.
वहीं रेस्क्यू कर बसों व सरकारी वाहनों के माध्यम से सेफ हाउस पहुंचाएं गए करीब 119 लोगों से मुलाकात कर ऐसी स्थिति में धैर्य से काम लेने को कहा. उन्होंने वहां लोगों के लिए पेयजल, शौचालय, भोजन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की स्थिति देखी एवं निर्देश दिए, चिकित्सा व्यवस्था को देखा, प्रवर्तन निरीक्षक विश्राम गुर्जर ने भोजन आदि की स्थिति को संभाला.
*कलेक्टर की अपील*
जिला कलेक्टर ने कहा कि आपात स्थिति में सायरन की आवाज के साथ ही आमजन यथास्थिति में खड़े रहें तथा सुरक्षित स्थिति में शरण लें। किसी प्रकार का पैनिक न करें। सभी अपने घरों, दुकानों, वाहनों की लाइटें बंद करें। किसी प्रकार की टॉर्च, साइन बोर्ड आदि की रोशनी भी न करें। यदि चालू हो तो उन्हें भी बंद करें। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सायरन सुनकर किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें, भीड़ ना जुटाए और सहयोग करें।
मॉक ड्रिल के अंत में जिला कलक्टर ने कहा कि यह मॉकड्रिल आपदा प्रबंधन की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और सभी संबंधित विभागों के समन्वय और तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की मॉकड्रिल से किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की हमारी क्षमता बढ़ती है।अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मॉक ड्रिल से उन्हें अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की कमियों को पहचानने और उन्हें दूर करने में मदद मिलेगी। यह मॉक ड्रिल जिला प्रशासन और पुलिस के आपदा प्रबंधन की तैयारियों को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं। मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस प्रशासन एवं समस्त संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें