डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज को "हिंदी रत्न सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया

 डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज को "हिंदी रत्न सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया


एटा, उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का क्षण, साहित्य जगत में बजी खुशियों की घंटी

जबलपुर (मध्य प्रदेश)/एटा (उत्तर प्रदेश), 31 मई 2025:

हिंदी साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में निरंतर योगदान देने वाले उत्तर प्रदेश के एटा जनपद निवासी डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज को जबलपुर स्थित प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था द्वारा "हिंदी रत्न सम्मान 2025" से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें साहित्य, भाषा और समाज सेवा में उनके अनवरत प्रयासों और उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

समारोह का आयोजन जबलपुर, मध्य प्रदेश में साहित्यिक गरिमा और भावनात्मक उल्लास के वातावरण में किया गया, जिसमें देश भर से अनेक साहित्यकार, विद्वान और संस्कृति प्रेमी सम्मिलित हुए। यह सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार एवं संस्था के मार्गदर्शक डॉ. कवि संगम त्रिपाठी द्वारा भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

डॉ. ओम ऋषि भारद्वाज न केवल एक संवेदनशील कवि हैं, बल्कि हिंदी भाषा के संवर्धन हेतु जागरूक अभियानी भी माने जाते हैं। उनकी रचनाएं जनमानस के हृदय को छूने वाली होती हैं, जिनमें सामाजिक सरोकार, भारतीय संस्कृति की झलक और मानवीय संवेदनाओं की गहराई स्पष्ट रूप से झलकती है।

इस सम्मान की घोषणा होते ही एटा जनपद में उनके शुभचिंतकों, साहित्यिक साथियों एवं मित्रों में अपार हर्ष की लहर दौड़ गई। जगह-जगह मिठाइयां बांटी गईं और उन्हें बधाइयों का तांता लग गया। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके योगदान की सराहना की।

डॉ. भारद्वाज ने सम्मान प्राप्त करने के उपरांत कहा, "यह सम्मान न केवल मेरे लिए, बल्कि समस्त हिंदी प्रेमियों और साहित्य साधकों के लिए प्रेरणा स्रोत है। यह मुझे और अधिक ऊर्जा के साथ साहित्य सेवा में समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।" हिंदी भाषा के इस सशक्त हस्ताक्षर को सशक्त हस्ताक्षर जबलपुर, लोक संचेतना फाउंडेशन द्वारा मिले इस सम्मान ने एटा जिले को गौरवान्वित कर दिया है। उनके इस उपलब्धि से क्षेत्रीय युवा साहित्यकारों को भी एक नई दिशा और उत्साह मिला है।

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