पशु पालन विभाग में बड़े पैमाने पर भृष्टाचारियों का शिकारगाह बालेर, पशु चिकित्सालय
पशु पालन विभाग में बड़े पैमाने पर भृष्टाचारियों का शिकारगाह बालेर, पशु चिकित्सालय
-- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर। सवाई माधोपुर के बालेर, पशु चिकित्सालय जिला पशु पालन अधिकारी निर्मल सिंह और अजय कुमार ने निदेशक महोदय के आदेशों की धज्जिंया उड़ाकर मौज मजा उड़ाये? इसमें पारदर्शिता कँहा रही??
ऑफिस क्लिर्क करतार सिंह और मदन मोहन वी.ए. की मिली भगत के काले कारनामे आज भी बोलते हैं??
स्वयं वी.ए.को एकाधिकार सभी चार्ज देकर मनमानी को हवा दी गई। रिकॉर्ड में उपस्तिथि पंजिका के हाजिरी पंजिका के पन्ने उड़ाये गये??
सरकारी वेतन नियमानुसार राजकीय संस्था में कार्य के फल स्वरूप दिया जाता है?? इन्होंने रघुवीर सिंह जलधारी का वेतन निदेशालय में प्रति नियक्ति पर फिशरीज निदेशक और तत् समयावधि में निदेशक पशु पालन पहले और बाद तक में रहे थे के गृह कार्य के लिए प्रति नियुक्ति की गई। और बालेर से पुरा वेतन वर्षों तक उठाया जाता रहा था। किसी के घर पर कार्य करने का वेतन अनियमित उठाया गया है और था ? क्या निदेशक आई.ए.एस.को शर्म नहीं आई कि कितना गलत कार्य कर रहे हैं ? इसका परोक्ष लाभ यह दुष्ट भी मनमानी करके रहे थे?
कर्मचारी छतर सहाय को आक्समिक अवकाश क्यों जान बूझ कर दिया गया और वेतन पूरे माह फरवरी, 93 चार्ज किया गया। पता है दिल्ली में सर्विस लग गयी थी। दोनों जगह की उपस्थिति थी। इस्तीफा दिया- लिया क्यों नहीं गया?? फिर दूसरे ओर डाक विभाग की सेवाओं का दुरूपयोग अकेले मन चाही निकाले जा रहे हो खुद के रेसिप्ट डिस्पेच- 1993 में मेरी मौजूदगी का रिमार्क है। स्वेच्छा से अनुपस्थिती कैसे हुई?? और मेरे पास आर. टी.आई. प्रति है?? विभाग, शासन, राज्यपाल कार्यालय सब कुछ, जाँच अधिकारी पर, पुन्ह: अधिकारी झूठ पर चलते चले गए और सेवा समाप्ति भी करदी गई?? इन्हें मेरी हाजिरी फाड़ने का अधिकार किसने दिया??
कोई स्टाफ भी नहीं हो वहाँ खुद गायब रहो और जब चाहो जब खुद हाजिरी करो, तब अस्थायी वरिष्ठ अधिकारी रंजन साहेब के कहने पर अपनी उपस्थिति दर्ज का ब्यौरा रखना होता है। एफ. आई. आर. क्या कर लेगी जब खुद फिशरीज और पशु पालन निदेशक के घर रघुवीर काम कर रहे हों और हाजिरी, वेतन भुगतान होता गया?? राजस्थान सरकार ट्रेजरी रूल 270(1) अब्सेंटी स्टेटमेंट भी निदेशक महोदय के आदेशों पर दिया गया है। डी.डी.ओ.मनमानी और उल्लंघनों का काला कारनामा है। विभाग और शासन संज्ञान लेकर न्याय देगा।
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