रैंप पर दिखी विरासत ,परंपरा और संस्कृति की झलक - 125 प्रतिभागियों का ट्रेडिशनल इनोवेटिव थीम पर कैट वॉक - सुविवि विश्वविद्यालय डीएफटीडी स्टूडेंट्स का कैट वॉक - हथकरघे पर बनाई गई कोटा डोरिया की साड़ियों की झलक

 रैंप पर दिखी विरासत ,परंपरा और संस्कृति की झलक 

- 125 प्रतिभागियों का ट्रेडिशनल इनोवेटिव थीम पर कैट वॉक

- सुविवि विश्वविद्यालय डीएफटीडी स्टूडेंट्स का कैट वॉक

- हथकरघे पर बनाई गई कोटा डोरिया की साड़ियों की झलक





संवाददाता विवेक अग्रवाल

उदयपुर (जनतंत्र की आवाज) 18 फरवरी। रैंप पर केट वॉक कर छात्र-छात्राओं ने स्वयं के द्वारा तैयार पारंपरिक आकर्षक परिधानों से ट्रेडिशनल इनोवेटिव थीम से रूबरू कराया। ट्रेडिशनल थीम बेस्ड डिजाइन -शो में प्रतिभागियों के रैंप पर बढ़ते कदमों ने सबका ध्यान आकृष्ट किया। रैंप पर एक के बाद एक 125 ब्लूमिंग डिजाइनर्स का आत्मविश्वास देखते ही बना। 

मौका था सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड . मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल गवर्नमेंट ऑफ इंडिया , वेल बीइंग सोसायटी, आडावळ के साझे प्रयास से डिजाइन शो-स्वर्णिम-2024 हथकरघा एसेंस ऑफ़ कल्चरल हैरिटेज का। 

विश्वविद्यालय के संविधान पार्क में ट्रेडिशनल इनोवेटिव थीम पर आधारित डिजाइन शो में स्टूडेंस द्वारा तैयार किए गए परिधानों और उनके पहनावे से पारंपरिक संस्कृति की झलक देखने को मिली। शो के अलग अलग चरणों में जहां इंडिगो की झलक देखते ही बनी तो गोटापत्ती,आराजारी वर्क से तैयार परिधानों को धारण कर कैट वॉक करते एक के बाद एक स्टूडेंट रैंप पर आएं। शो में राजस्थान के वर्ल्ड फेमस आर्किटेक्चर जैसे राजसी महलों को, झरोखों को, हवेलियों की डिजाइंस परिधानों में देखने को मिली ।  

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की सदस्य कुंवरानी निवृत्ति कुमारी मेवाड़ ने कहा कि डिजाइन शो में हर परिधान सबसे हटकर था, ऐसे में युवा डिजाइनर अपने को उस मुकाम तक ले जाने का सकारात्मक प्रयास करें ताकि उनका प्रॉडेक्ट एक नई पहचान बने। 

डिजाइन शो की मुख्य संरक्षक एवम् विवि की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने कहा कि हैंडलूम में जहां नवाचार है,वहीं सांस्कृतिक धरोहर को भी रेखांकित करता है। स्टडी के साथ हाथ का हूनर हो तो स्टूडेंट स्वयं का रोजगार ही नहीं बल्कि अन्य हाथों को भी स्वरोजगार से जोड़ पाएंगे।

विशेष अतिथि फॉर्मर डिप्लोमेट एंड एडवाइजर नामीबिया डा. विश्वास सक्सेना ने कहा कि आज का दौर स्कील बेस्ड एजुकेशन का है जहां नौकरी के भरोसे नहीं रहकर स्वरोजगार से जुडऩा आर्थिक जरूरत बन चुकी है। 

वीवर्स सर्विस सेंटर जयपुर के डिप्टी डायरेक्टर तपन शर्मा ने कहा कि हैंडलूम भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी है। बुनकरों के द्वारा किए जा रहे कार्यों से नवीन पीढ़ी को जोड़ने का प्रयास इस डिज़ाइन शो के माध्यम से किया गया। आर्ट्स कॉलेज के डीन प्रो. हेमंत द्विवेदी ने कहा जब मानव में लज्जा का भाव पैदा हुआ तो वस्त्र की उपयोगिता का अहसास हुआ । जन्म से मरण, परण तक इसकी जरूरत बनी रहती है।

कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.विजयालक्ष्मी चौहान,आर्मी वूमन वेलफेयर एसोसिएशन की चेयरपर्सन शिवाली नय्यर, अतिरिक्त नॉलेज हब ग्लोबल की डॉ.श्वेता शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थी। डिजाइन शो का प्रारंभ सुर संगम की शिव स्तुति प्रस्तुति से हुईं वही कृष्णेंद्रु की हथकरघा पर आधारित ओडिसी नृत्य प्रस्तुति ने मन मोह लिया। अतिथियों का स्वागत करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ फैशन डिजाइनिंग की हेड ईंचार्ज डॉ. डोली मोगरा ने विभाग की गतिविधियों व डिजाइन शो की थीम से अवगत कराया। कार्यक्रम संचालन डॉ. शिवदान सिंह जोलावास, डॉ. सोनू मेहता ने किया। 

प्रतिभागियों को स्कॉलरशिप : नॉलेज हब ग्लोबल की डॉ. श्वेता शर्मा ने कहा कि जो प्रतिभागी उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहेगा हब उसमें सहयोग करेगा, इस मौके पर 6 6 प्रतिभागियों को स्कॉलरशिप प्रदान की ।

आठ राउंड में झलका हथकरघा : डिजाइन शो में विरासत, संस्कृति, परंपरा, झरोखा,, तानाबाना , कारीगरी, कलात्रा, छाप राउंड में हथकरघा के परिधान की झलक देखने को मिली। डिजाइन शो में प्रथा ग्रुप में कोमल ,नितिन , छाप में मुस्कान सुमन रैदास, ताना बाना में उमेशना , लोकेश , विरासत में रानी , रिद्धि, फिरोज , संस्कृति में कोमल , झरोखा में ऐश्वर्या, निकिता, कारीगरी में उमेशना, लोकेश, कलार्थ में मनोती, आयुषी जैन ने बाजी मारी।

 जूरी मेंबर्स : डिजाइन शो के जूरी मेंबर्स डॉ. कुंजन आचार्य, डॉ. नीतू परिहार, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. संगीता तिवारी, विशाल सिंह राठौर, गौरव सिंघवी, रजनी कौर, रिदम पंवार थे।

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