माँ धरती पर साक्षात् परमात्मा का रूप हैं।" कल्पकथा परिवार
!! "माँ धरती पर साक्षात् परमात्मा का रूप हैं।" कल्पकथा परिवार
"!! ममता, शौर्य, और आस्था, के भावों को समर्पित रही कल्पकथा एवं साहित्य अर्पण संस्था की काव्य गोष्ठी !!"
कल्पकथा परिवार की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि कल्पकथा साहित्य संस्था एवं साहित्य अर्पण मंच (अंतर्राष्ट्रीय) के संयुक्त तत्वाधान में १९६वीं ऑनलाइन काव्यगोष्ठी माँ की ममता, स्नेह, आस्था, ओज, शौर्य, रचनाओं पर आधारित काव्य रचनाओं से सजी रही।
दुबई, मध्य पूर्व एशिया, के विद्वान साहित्यकार श्री सुधीर शर्मा अधीर जी की अध्यक्षता, आशुकवि श्री भास्कर सिंह "माणिक" जी, एवं आदरणीया रश्मि साँबले, के संचालन के कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर महाराष्ट्र से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार श्री विजय रघुनाथराव डांगे जी द्वारा गुरु वंदना, गणेश वंदना, एवं सरस्वती वंदना, के संगीतबद्ध गायन के पश्चात दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा के द्वारा नृसिंह अवतार प्रसंग द्वारा के साथ हुआ।
नृसिंह चतुर्दशी, मातृ दिवस, ऑपरेशन सिंदूर, और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, को समर्पित आयोजन में जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, दुबई, के कवियों ने आस्था और श्रद्धा के भावों को शब्दों में पिरोया।
कार्यक्रम में श्री विजय रघुनाथराव डांगे जी, आ. सारिका व्यास बिस्सा जी, श्रीमती शालिनी दीक्षित जी, श्री रमेश पटले जी, श्री गोपाल कृष्ण बागी जी, आ. दीपाली पंत जी, श्री अवधेश प्रसाद मिश्र "मधुप" जी, डॉ अंजू सेमवाल जी, आ. अलका शर्मा जी, श्री दुर्गादत्त मिश्र "बाबा" जी, श्री भास्कर सिंह "माणिक" जी, आ. पल्लवी रानी जी, आ. शोभा पाराशर जी, आ. अर्चना झा हिना जी, आ. शशिधर जी, आ. रश्मि साँबले जी, आ. स्मिता जी, आ. सीमा खरे "स्वरागिणी" जी, आ. एन पी पाठक जी, आ. सुधीर कुमार शर्मा "अधीर" जी, श्री कौस्तुभ उपाध्याय जी, श्रीमती शोभा प्रसाद जी, श्रीमती साधना मिश्रा "लखनवी" जी, श्रीमती ज्योति राघव सिंह जी, डॉ. मंजू शकुन खरे जी, दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा जी, पवनेश मिश्रा, आदि ने काव्य पाठ किया।
सदैव खुश रहो ताकि कोई दुख न हो के विचार के साथ अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री सुधीर कुमार शर्मा अधीर जी ने मुक्तकण्ठ से आयोजन की प्रशंसा करते हुए सभी रचनाकारों को बधाई एवं मंगलकामनाएं दी। अंत में दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा ने माँ धरती पर साक्षात् परमात्मा का रूप है उनका सदा सम्मान करें के मार्गदर्शन एवं "सर्वे भवन्तु सुखिन:" शान्ति पाठ के साथ सभी का आभार व्यक्त किया।
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