ईडी की रेड में पूर्व विधायक से करोड़ों की संपत्ति जप्त, वीडियो में देखें धन कुबेर की दौलत
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जययपुर न्यूज़ डेस्क, बहरोड़ के पूर्व विधायक बलजीत यादव के ठिकानों पर चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी शनिवार सुबह खत्म हो गई। यहां लाखों रुपए कैश, गहने और प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट मिले हैं।इनका सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही, खेल सामग्री की आपूर्ति करने वाले लोगों के भी बयान रिकॉर्ड किए गए हैं।पूर्व विधायक ने ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा- उनके यहां से एक रुपए की भी कोई जब्ती नहीं हुई है। ईडी को जांच का पूरा अधिकार हैईडी सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह बलजीत यादव के 10 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। जयपुर में बलजीत यादव के ज्ञान विहार स्थित आवास, जीवन विहार कॉलोनी में सहयोगी शिव कुमार जैमन के आवास, अजमेर रोड पर डीसीएम स्थित कपड़ा शोरूम 'युवराज', डीसीएम कॉलोनी स्थित कुछ आवास और सांगानेर में कार्रवाई की गई थी। जयपुर में 8 ठिकानों के साथ ही दौसा व अलवर स्थित एक-एक ठिकानों पर भी रेड डाली गई थी।
मोबाइल कॉल डिटेल भी खंगाले गए
ईडी की टीम ने दौसा के सिकंदरा में छोकरवाड़ा गांव में रहने वाले सीताराम के घर रेड डाली थी। सीताराम पूर्व विधायक बलजीत यादव के करीबियों में आते हैं। ईडी की ओर से बलजीत यादव के साल-2018 से 2023 तक विधायक रहने के दौरान किए कामों की जानकारी ली गई। उनके मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच की गई। मोबाइल कॉल डिटेल्स खंगालने के साथ ही कई अहम डॉक्युमेंट ईडी के हाथ लगे हैं। ईडी ने खेल सामग्री की आपूर्ति से जुड़े लोगों के भी बयान रिकॉर्ड किए हैं।
3.72 करोड़ के घोटाले का आरोप
पूर्व विधायक व उनसे जुड़े कुछ लोगों पर आरोप है कि इनकी कुछ कंपनियों ने सरकारी स्कूल के अंदर विधायक कोष से सामान की आपूर्ति में 3.72 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। विधायक कोष का दुरुपयोग किया गया था। नियमानुसार जो अनुमति लेनी थी, वह नहीं ली गई। इसके साथ ही टेंडर देने वाली फर्मों ने फेक डॉक्युमेंट का उपयोग किया था।
ढाई गुना ज्यादा में की खरीद
साल-2022-23 में बहरोड़ क्षेत्र में बलजीत यादव व उसके सहयोगियों की कंपनियों ने विधायक कोष में क्रिकेट-बैडमिंटन किट खरीदी थी। आरोप है कि विधायक फंड में हेरफेर कर 2.50 गुना अधिक रेट में खरीद कर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया।इसमें कुल 32 स्कूलों को सामान दिया गया था। प्रत्येक स्कूल के लिए 9 लाख का खेल सामान खरीदा गया था। दावा किया गया कि क्रिकेट के बैट खरीदे गए उसकी कीमत भी 15,600 तक बताई गई थी।ज्यादातर स्कूलों को 50-50 बैट दिए गए थे। इस घोटाले में पहले एसीबी की ओर से मामला दर्ज किया गया था। इसमें बलजीत यादव और 8 अधिकारी- कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप था।
पूर्व विधायक बोले- एक रुपए की भी जब्ती नहीं हुई
ईडी की कार्रवाई को लेकर पूर्व विधायक बलजीत यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- उनके यहां से एक रुपए की भी कोई जब्ती नहीं हुई है। न तो कोई अघोषित दस्तावेज मिले हैं और न ही कोई नियम विरुद्ध ज्वेलरी जब्त की गई है। उन्होंने कहा कि उनके यहां से एक आलपिन भी नियम विरुद्ध नहीं मिली है।पूर्व विधायक ने कहा- किसी भी कार्य में उनकी भूमिका सिर्फ अनुशंसा करने तक सीमित होती है। जबकि कार्य को करवाने की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। ईडी को जांच का पूरा अधिकार है, लेकिन उनका किसी गलत काम से न तो कभी कोई लेना-देना रहा है और न ही भविष्य में रहेगा।
गहलोत सरकार को दिया था समर्थन
आरोप है कि विधायक कोष का दुरुपयोग कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई गई थी। बलजीत यादव 2018 से 2023 में बहरोड़ से निर्दलीय विधायक रहे हैं।विधायक रहते हुए बलजीत यादव ने अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दिया था। राज्यसभा चुनाव में भी यादव ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की थी।
क्या है PMLA एक्ट?
PMLA देश में 2005 में लागू किया गया। मकसद मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना और उससे जुटाई गई प्रॉपर्टी को जब्त करना है। PMLA के तहत दर्ज किए जाने वाले सभी अपराधों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) करता है।
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