देवगढ़: गणतंत्र दिवस और प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि पर भव्य कार्यक्रम, देशभक्ति और आध्यात्मिकता का संगम*
*देवगढ़: गणतंत्र दिवस और प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि पर भव्य कार्यक्रम, देशभक्ति और आध्यात्मिकता का संगम*
देवगढ़, राजसमंद / पुष्पा सोनी
देवगढ़ में गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर और प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि पर ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राजयोगा मेडिटेशन सेंटर, प्रभु दर्शन भवन में एक भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभक्ति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम देखने को मिला। इस विशेष आयोजन में प्रेस रिपोर्टर और पैरा लीगल वॉलंटियर श्रीमती पुष्पा सोनी की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक विशिष्ट बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई, जिसमें सभी उपस्थितों ने देशभक्ति के गीतों के साथ तिरंगे को सलामी दी। इसके बाद, प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि पर उनकी शिक्षाओं और योगदान को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उपस्थित सदस्यों ने सामूहिक प्रार्थना में भाग लिया और बाबा के दिखाए गए सत्य, शांति और आत्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने श्रीमती पुष्पा सोनी के समाज में किए गए अतुलनीय योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें विशेष रूप से प्रमाणित किया। संस्था ने उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य न केवल समाज के लिए प्रेरणा है, बल्कि दूसरों को भी समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है। श्रीमती पुष्पा सोनी के कार्यक्रम में उपस्थित होने से सभी सदस्यों के बीच हर्षोल्लास का माहौल था।
ब्रह्मा कुमारीज के सदस्यों ने इस अवसर पर राजयोग और आत्मिक ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राजयोग केवल ध्यान की विधि नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों को शुद्ध और उन्नत बनाने का मार्ग है। यह व्यक्तिगत शांति और समाज में समृद्धि लाने का सशक्त माध्यम है। कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित सदस्यों ने समाज सेवा के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण को और अधिक दृढ़ करने का संकल्प लिया। इस अवसर ने न केवल आध्यात्मिकता और सेवा का संदेश दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयास और आत्मिक चेतना समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
देवगढ़ के प्रभु दर्शन भवन में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि यह आत्मिक उत्थान और सेवा का प्रतीक बन गया। गणतंत्र दिवस और ब्रह्मा बाबा की पुण्यतिथि के इस खास मौके पर, यह कार्यक्रम न केवल आध्यात्मिक जागरूकता का माध्यम बना, बल्कि सेवा, समानता और भाईचारे के आदर्शों को भी सजीव कर गया। इस विशेष अवसर ने यह सिद्ध किया कि जब आध्यात्मिकता और देशभक्ति का समावेश होता है, तो समाज के हर वर्ग को प्रेरणा मिलती है और एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होता है।
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