श्री. किशोर कुमार महाराष्ट्र युथ आइकॉन अवॉर्ड से सन्मानित* *श्री किशोर कुमार: महाराष्ट्र के युवा आदर्श और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षक*
*श्री. किशोर कुमार महाराष्ट्र युथ आइकॉन अवॉर्ड से सन्मानित*
*श्री किशोर कुमार: महाराष्ट्र के युवा आदर्श और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षक*
*मुंबई:* महाराष्ट्र के सबसे प्रतिष्ठित एवं सुप्रसिद्ध बालगंधर्व कला अकादमी परिवार के प्रबंध निदेशक, श्री किशोर कुमार को "महाराष्ट्र युथ आइकॉन राज्यस्तरीय आदर्श युवा पुरस्कार" से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वे सबसे युवा अतिथि हैं, जिन्होंने अपने नवाचारी दृष्टिकोण और समाज के प्रति समर्पित कार्यों से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज और भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
*शिक्षा को नया आयाम देने की पहल:*
श्री किशोर कुमार का मानना है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। उनका दृष्टिकोण है कि एक समग्र शिक्षा प्रणाली तैयार की जाए, जिसमें छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान बल्कि नैतिक मूल्यों, रचनात्मकता और समाजसेवा की शिक्षा दी जाए। उन्होंने बालगंधर्व कला अकादमी को एक ऐसा मंच बनाया है, जहां छात्र अपनी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी आत्मसात कर सकते हैं।
उनका कहना है, "आज का युवा कल का नेतृत्व करेगा। अगर हम उन्हें सही दिशा, ज्ञान और संस्कार देंगे, तो वे देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।" उनकी यह सोच छात्रों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को केंद्र में रखती है।
*सांस्कृतिक विरासत का संवर्धन:*
भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के प्रति उनकी गहरी निष्ठा है। उन्होंने अकादमी में विभिन्न सांस्कृतिक उत्सव, नाट्य प्रदर्शन, संगीत कार्यशालाएं और लोक कला कार्यक्रमों का आयोजन करवाया है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को भारतीय कला और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि वे अपनी जड़ों को समझ सकें और उन्हें गर्व से संजो सकें।
श्री किशोर कुमार कहते हैं, "भारतीय संस्कृति हमारी पहचान है। इसे संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है। अगर हम अपनी विरासत को अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचाएंगे, तो हमारी संस्कृति विलुप्त हो जाएगी।"
*समाज के प्रति समर्पण:*
श्री किशोर कुमार न केवल एक शिक्षाविद हैं, बल्कि एक समाजसेवी भी हैं। वे कई गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के अध्यक्ष और मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में इन संगठनों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में कई सफल परियोजनाएं चलाई हैं। उनके प्रयासों ने हजारों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए, जैसे पर्यावरण संरक्षण, नशा-मुक्ति और शिक्षा के अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करना। उनके अनुसार, "एक सशक्त समाज ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।"
*युवाओं के लिए प्रेरणा:*
"महाराष्ट्र युथ आइकॉन" पुरस्कार प्राप्त कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि उम्र केवल एक संख्या है। उनके समर्पण, नेतृत्व और दृष्टिकोण ने उन्हें आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बना दिया है। वे अपने कार्यों और उपलब्धियों के माध्यम से यह संदेश देते हैं कि अगर उद्देश्य स्पष्ट हो और इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
*सम्मान समारोह में गौरवशाली पल:*
पुरस्कार समारोह में जब उन्हें यह सम्मान दिया गया, तो उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने उनके कार्यों की सराहना की। प्रमुख अतिथियों ने कहा, "श्री किशोर कुमार जैसे युवा न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं। उनके विचार और कार्य आने वाली पीढ़ियों को दिशा दिखाएंगे।"
*भविष्य की योजनाएं:*
श्री किशोर कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए एक नई जिम्मेदारी है। मैं अपने कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरा सपना है कि भारत का हर युवा शिक्षित, सशक्त और संस्कारी बने।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि बालगंधर्व कला अकादमी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई नई परियोजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत करेगी।
अंततः
श्री किशोर कुमार ने अपने समर्पण, दृष्टिकोण और नेतृत्व से यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में किया गया कार्य न केवल व्यक्तिगत सफलता लाता है, बल्कि समाज और देश को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाता है। उनकी यह उपलब्धि हर युवा को प्रेरित करती है कि अगर वे अपने सपनों को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं, तो वे भी दुनिया में बदलाव ला सकते हैं।
श्री किशोर कुमार वाकई में न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत हैं।
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