बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों के लिए विशेष विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों के लिए विशेष विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
राजसमंद / पुष्पा सोनी
भीम, राजसमंद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) राजसमंद और तालुका विधिक सेवा समिति (TLSC) भीम के संयुक्त तत्वावधान में, बुजुर्ग बंदियों और लाईलाज बीमारियों से ग्रसित बंदियों के लिए विशेष अभियान के तहत उप कारागृह, भीम में दिनांक 20 दिसंबर 2024 को एक विशेष विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य बंदियों को विधिक सेवाओं की जानकारी प्रदान करना और उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं का आकलन करना था।
इस अवसर पर, पराविधिक स्वयंसेवक (PLV) पुष्पा सोनी ने शिविर का संचालन किया, जिसमें 15 बंदियों ने भाग लिया। शिविर में श्री दिनेश, पीएलए भी उपस्थित रहे। बंदियों को विधिक सेवाओं के अधिकारों, सरकारी योजनाओं, और उनके लिए उपलब्ध कानूनी सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
शिविर के दौरान, उप कारागृह में निरुद्ध सभी बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गई। यह सुनिश्चित किया गया कि किसी बंदी को कोई गंभीर बीमारी या स्वास्थ्य समस्या न हो। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति संतोषजनक पाई गई।
इसके अतिरिक्त, उप कारागृह की साफ-सफाई, रसोई, पानी की टंकी, मेडिकल किट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सभी व्यवस्थाएं व्यवस्थित और संतोषजनक पाई गईं। शिविर के दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया कि किसी भी बंदी को वकील की आवश्यकता नहीं है।
शिविर में भाग लेने वाले बंदियों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता शिविर न केवल उन्हें विधिक अधिकारों की जानकारी देते हैं, बल्कि उनके जीवन में आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं। शिविर के माध्यम से उन्हें यह एहसास हुआ कि प्रशासन और न्याय प्रणाली उनकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।
DLSA राजसमंद और TLSC भीम की यह पहल प्रशासन की संवेदनशीलता और न्यायपालिका की पारदर्शिता को उजागर करती है। शिविर ने यह सुनिश्चित किया कि बंदियों को न केवल विधिक सेवाओं की जानकारी मिले, बल्कि उनकी स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की जांच भी की जाए।
यह विशेष शिविर न्याय और मानवाधिकारों के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है। ऐसे शिविर न केवल बंदियों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं, बल्कि समाज में न्याय और मानवता की भावना को भी मजबूत करते हैं। उप कारागृह, भीम में आयोजित यह शिविर न्यायपालिका और प्रशासन के प्रयासों का एक अनुकरणीय उदाहरण है।
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