कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन

 कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन 



उदयपुर जनतंत्र की आवाज। हज़रत अजमेरी बेग र.अ. उर्फ मलंग शॅाह बाबा साहब (कौमी एकता व साम्प्रादायिक सौहार्द के प्रतीक) का 256 वॉ उर्स मुबारक में तिलावते कुराआने पाक से आगाज हुआ बाद नमाजे़ ज़ौहर कुरआनख्वानी में अक़ीदत मन्दो ने षिरकत की इसी के बाद नाआतख्वॉ पार्टीयो ने नातिया कलाम पेष किये व शहर के मषहूर नाअतख्वॉ हज़रात ने सूफियाना कलाम पेष किये बाद नमाजे़ अस्र मस्तान बाबा दरगाह की जानिब से मस्तान बाबा ट्रस्ट के सदर सैय्यद सज्जाद हुसैन साबरी साहब व नायब सदर अकील खांन साहब, व सलीम रज़ा के ज़ेरे कयादत में चादर शरीफ पेष की गई जिसमें काफी तादाद मे अक़ीदत मन्दो ने षिरकत की। उसके बाद मेहमाने खुसूसी मुकरिर्र ज़ीवकार अल्हाज हज़रत मौलाना सूफी निसार अहमद साहब, बासनी, नागौर खतिबो इमाम मक़बरा मस्जिद सूरजपोल उदयपुर वालो ने जायरीनो को मुखातिब किया आपने खिताब फरमाते हुए बताया की हमें बुजूर्गो की जिन्दगी और उनके बताए हुये रास्ते पर चलना बुजूर्गो का एहतराम करना इब़ादतगाहो पर जाना और दरगाहो पर हाजरी देना हमारा मक़सद होना चाहिए ताकि हम अपनी जिन्दगी को बेहतर बना सके खलीफा-ए-हुजूर शेखुल इस्लाम हज़रत मौलाना शाह सय्यद फाज़िल मियां अषरफी मेसूरी साहब, ने बुजूर्गाने दीन की हयाते जिन्दगी और उनके कमालात पर रोषनी डाली साथ ही तमाम जायरीनो को उर्स की मुबारक बाद दी आपने दुआ मंे अपने शहर राज्य व मुल्क में अपनो चैन व आपसी भाईचारे के लिए दुआए मांगी। कपासन शरीफ से आये मेहमाने खुसूसी मोहम्मद यासीन खां अषरफी सेकेट्री वक्फ कमेटी हज़रत दीवाना शाह र.अ., शायरे इस्लाम मोहम्मद अब्बास अज़हर अषरफी, हाफिज मोहम्मद मुस्ताक अषरफी जो की मदीना शरीफ में मस्जिद इमाम, डॉ. तनवीर अषरीफ की दस्तारबंदी सूफी निसार साहब व हज़रत मौलाना शाह सय्यद फाज़िल मियां अषरफी मेसूरी साहब द्वारा की गई। इसके बाद दरगाह शरीफ मे रात दिन खिदमत करने वालो की दस्तारबंदी कर उनकी होंसला अफजाई की। सहायक मिडिया प्रभारी अब्दुल अजीज सिंधी ने बताया की गुरूवार को सिंधीयान कमेटी की और से सिंधी सरकार की हवेली से चादर शरीफ का जूलुस रवाना हुआ जो मलंग शाह बाबा की दरगाह पर पहुंचकर चादर शरीफ पेष की की। 


कमेटी के ( उर्स-संयोजक) जनाब अब्दुल लतीफ मन्सुरी साहब ने प्रसाषन, नगर निगम, व पुलिस विभाग का माकूल इन्तजाम के लिए शुक्रिया अदा किया। फातेहा ख्वानी के बाद कुल की रस्म व दिन भर शहर के मौहल्लो से आस्ताने पर चादर शरीफ पेश करने का सिलसिला जारी रहा। जायरीनो के लिये दरगाह के अहाते में सबील, शरबत व लंगर तकसीम किया गया।

यह जानकारी उर्स संयोजक अब्दुल लतीफ मंसूरी द्वारा दी गई।

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