समावेशी स्वास्थ्य देखभाल अनुरूप वरिष्ठ नागरिकों के लिये जीएसटी मुक्त स्वास्थ्य बीमा हो - सांसद नीरज डांगी
समावेशी स्वास्थ्य देखभाल अनुरूप वरिष्ठ नागरिकों के लिये जीएसटी मुक्त स्वास्थ्य बीमा हो - सांसद नीरज डांगी
*आबूरोड से दिनेश मेघवाल की रिपोर्ट।*
आबूरोड (सिरोही)। सांसद नीरज डांगी ने वित मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर मांग कि कि वृद्धावस्था में आय कम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक होने के कारण बढते दवाओं के खर्च को वहन करने हेतु स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर वरिष्ठ नागरिकों को मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिए तथा गैर वरिष्ठ नागरिकों को 18 के स्थान पर 5 प्रतिशत जीएसटी किया जाये ताकि वरिष्ठ नागरिकों के साथ साथ गैर वरिष्ठ नागरिकों के लिये स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भरना सुलभ हो सके और स्वास्थ्य देखभाल सस्ती हो सके। इससे पॉलिसीधारकों के लिये बीमा की लागत कम होगी जो समावेशी स्वास्थ्य देखभाल (Health care) को बढ़ाने के सरकार के व्यापक एजेंडे के अनुरूप है। डांगी ने पत्र के माध्यम से वित मंत्री को अवगत कराया कि वृद्धावस्था में आय कम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिससे दवाओं की अधिक आवश्यकता होती है और चिकित्सा व्यय बढ़ जाता है इन कारणों से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भी बढ़ जाता है। ऐसे में वृद्धजनों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती हुई इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए सरकार को तुरंत आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए। जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा Health insurance प्रीमियम पर भुगतान किए जाने वाले मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए।
उन्होंने पत्र में सुझाव देते हुए बताया कि भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों का प्रीमियम कम करने के लिए इसी तरह के कई और कदम भी उठा सकती है। जैसे सब्सिडी प्रीमियम के तहत वरिष्ठ नागरिकों को रियायती प्रीमियम की पेशकश करने वाली बीमा कंपनियों को टैक्स देकर प्राप्त किया जा सकता है जिससे स्वास्थ्य बीमा अधिक किफायती और सुलभ होगा। इसी प्रकार बीमा क्षेत्र में एफडीआई यानि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढाने से प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है और प्रीमियम कम हो सकता है, फिलहाल बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 फीसदी है।
सांसद डांगी ने सुझावों के तहत बताया कि भारत सरकार द्वारा पहले से ही लागू 'आयुष्मान भारत योजना जो 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है। इस योजना का और विस्तार किया जाकर इसमें 70 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष से अधिक सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जाना चाहिए। इन उपायों को लागू करके भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती और सुलभ बनाने में मदद मिल सकती है, इससे उन्हें वित्तीय बोझ के बिना आवश्यक चिकित्सा देखभाल मिलेगी। उन्होंने पत्र के माध्यम से सरकार से यह भी अपेक्षा है कि वरिष्ठ नागरिकों के साथ साथ 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को हटाया जाना चाहिए और लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य कवर पर प्रीमियम के लिए मौजूदा 18 प्रतिशत के मुकाबले 5 प्रतिशत जीएसटी किया जाना चाहिए ताकी गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए किफायती दर पर स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम मिल सके।
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