बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की डॉ. श्रद्धा परमार ने किया नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप क्वालिफाई निशानेबाजी के खेल में जो प्रतिभा है, वह इस देश के किसी अन्य खेल में नहीं : डॉ. श्रद्धा परमार

 बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की डॉ. श्रद्धा परमार ने किया नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप क्वालिफाई


निशानेबाजी के खेल में जो प्रतिभा है, वह इस देश के किसी अन्य खेल में नहीं : डॉ. श्रद्धा परमार



उदयपुर /बीकानेर जनतंत्र की आवाज। बीकानेर की "पिस्टल गर्ल” के नाम से विख्यात बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर की अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ.श्रद्धा परमार ने दसवी बार नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप खेलते हुए इस प्रतियोगिता को फिर से क्वालीफाई किया। बीटीयू के जनसम्पर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की अब वह भरतीय टीम के तीसरे ट्रायल्स के लिए होने वाली प्रतियोगिता में डाइरेक्ट एंट्री लेंगी और इस आधार पर इण्डियन टीम के खिलाड़ियों के साथ तीसरे ट्रायल्स में उनके साथ भाग लेंगी। डॉ. श्रद्धा ने दिसम्बर माह में नई दिल्ली के डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन कर इसे क्वालिफाई किया है। डॉ. श्रद्धा की इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और शुभचिंतकों ने उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की। पेशे से बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग की शिक्षिका डॉ. श्रद्धा इंडियन राइफल्स एसोसिएशन की आजीवन सदस्य भी है और शूटिंग से जुड़ी विभिन्न शूटिंग प्रतियोगिता में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी हैं। शूटिंग प्रतिस्पर्धा में अर्जित उपलब्धियां के लिए वह कई बार सम्मानित भी हो चुकी है। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. अजय शर्मा ने उन्हें शुभकामनाएं प्रदान की। विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक डॉ. यदुनाथ सिंह ने कहा कि खेलों की महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में उभरती प्रतिभाओं को समुचित अवसर मिलना चाहिए। हमारे लिए गर्व का विषय है कि आज महिलाएं खेलो में बेहतरीन प्रदर्शन कर विशिष्ट उपलब्धियां अर्जित कर रही है।  


डॉ. श्रद्धा ने कहा की उनका सपना है की अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व कर शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त करे। किसी भी प्रतियोगिता में कड़ी मेहनत और अथक प्रयास का कोई विकल्प नहीं है। असाधरण उपलब्धिओं को अर्जित करने के लिए असाधरण प्रयास करना पड़ता है। खेलों में शूटिंग महिलाओं के काफी चुनौतीपूर्ण करियर है। शूटिंग एकाग्रता का खेल माना जाता है। इसमें किसी भी निशानेबाजी के धैर्य और कौशल की खासी परीक्षा होती है। अन्य खेल स्पर्धाओं की तुलना में इसमें भी काफी मेहनत लगती है, वर्षो की मेहनत के बाद जाकर कोई चैंपियन निशानेबाज निकल पाता है। युवा प्रतिभाओं के उभरने से शूटिंग देश का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा की ‘‘निशानेबाजी के खेल में जो प्रतिभा है, वह इस देश के किसी अन्य खेल में नहीं है। ’’उन्होंने कहा की, ‘‘राष्ट्रीय स्तर और विश्व स्तर पर बहुत से निशानेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पिछले एक दशक में इस खेल ने कितनी प्रगति की है।’’

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

चोंमू के निकट ग्राम पंचायत कानपुरा के शंभूपुरा गांव में तालाब की भूमि पर कब्जा करने का मामला

श्री के. सी. ए. अरुण प्रसाद को वन्यजीव प्रभारी बनाए जाने पर विभागीय समिति ने दी बधाई