कविगोष्ठी का आयोजन

 कविगोष्ठी का आयोजन 



उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। रविंद्र फाइन आर्ट्स एकेडेमी द्वारा नगर में एक कविगोष्ठी का आयोजन किया गया . कोटा से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार डा.हितेश व्यास ने अध्यक्ष , लब्ध - प्रतिष्ठ कवियित्री- एंकर - रंगकर्मी डा. शकुंतला सरूपरिया ने मुख्य अतिथि और युवा कवि अरूण त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढाई .गोष्ठी का प्रारंभ डा. शीतल श्रीमाली द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया . युवा कवि बिलाल पठान ने अपनी अद्भूत दार्शनिक कविताओं जैसे 'नदी देश बना सकती है 'से सभी की चेतना को जाग्रत कर दिया . वरिष्ठ कवियित्री डा. शीतल श्रीमाली ने जिंदगी का महत्व समझाते हुए और आत्महत्या न करने की गुजारिश करते अपनी लंबी कविता "मैं जिंदगी हूं" पेश की .कविता का महत्व आज आत्महत्या की बढती प्रवृति को देखते हुए बढ जाता है .वीणा गौड़ ने गजल - गीत सुनाकर सबका मन मोह लिया .कार्यक्रम आयोजक चित्रकार हंसा रविंद्र ने अपनी सजग - सुस्पष्ट काव्य रचनाओं द्वारा कविता के कई रंग बिखेरे .गोष्ठी का संचालन कर रहे शैलेंद्र ढड्ढा सुधर्मा ने "तेरे पिता मेरे पिता सबके पिता एक ही है " सुनाकर श्रोताओं को भावुक कर दिया. तत्पश्चात अरूण त्रिपाठी ने जीवन शिक्षा देती विशिष्ट शब्द - संयोजन वाली अपनी गजलों से माहौल को संजीदा कर दिया . डा.शकुंतला सरूपरिया ने नेत्रदान की प्रेरणा देने वाली एक नज्म और एक गीत प्रस्तुत किया , साथ ही आपने एक सुमधुर गीत भी प्रस्तुत किया . डा.हितेश व्यास ने अध्यक्षीय उद्बोधन देने के साथ ही हाशिये और पन्ने के बिंबों का उपयोग करते हुए अपनी कविता के माध्यम से समकालीन माहौल पर सटीक टिप्पणी की "गोष्ठी हाशिया है , मंच पन्ना है ." अंत में हंसा रविंद्र ने आभार व्यक्त किया.

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