उदयपुर के अहान सिंघवी एवं टीम पैराडोक्स ने इस्तानबुल में रोबोटिक्स डिजाईन बनाकर ह्यूस्टन विश्व चैम्पियनशीप में अर्हता प्राप्त कर रचा इतिहास

 उदयपुर के अहान सिंघवी एवं टीम पैराडोक्स ने इस्तानबुल में रोबोटिक्स डिजाईन बनाकर ह्यूस्टन विश्व चैम्पियनशीप में अर्हता प्राप्त कर रचा इतिहास


उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन फर्स्ट ने इस्तानबुल के हैलिक शहर मंे 17 से 22 मार्च तक रोबोटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया। उदयपुर की तैराक गौरवी सिंघवी के भाई अहान सिंघवी एवं उनके सहयोगियों की मुबंई की रूकी सनसनी पैराडक्स टीम ने रोबोटिक्स की डिजाईन बनाकर अपने पहले वर्ष में केवल अपनी इंजीनियरिंग क्षमता के आधार पर ह्यूस्टन विश्व चैंपियनशिप के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय टीम के रूप में इतिहास रच दिया। ऐसा करनेे वाली देश की यह पहली टीम बन गयी। इस प्रतियोगिता में देश के 9 स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया था।

मेंटर मीनल मजूमदार ने बताया कि फर्स्ट नामक संस्था कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों को रोबोट को शुरू से ही डिजाइन, निर्माण और प्रोग्राम करने का अवसर प्रदान करती है। रूकी सनसनी टीम पैराडक्स ने इस प्रतियोगिता में क्रमशः चीन और तुर्की की टीम साइबर यूनिकॉर्न और टीम तीरंदाजों के साथ हैलिक, तुर्की क्षेत्रीय चौंपियन के रूप में उभरकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उनके समूह की जीत न केवल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाती है, बल्कि उन्हें ह्यूस्टन में विश्व चैंपियनशिप में एक प्रतिष्ठित स्थान भी दिलाती है। जहाँ दुनिया भर की शीर्ष रोबोटिक्स टीमें प्रतिस्पर्धा करेंगी। इंजीनियरिंग में उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त करने से उनके कौशल को और अधिक मान्यता मिली, जिसे 150 घंटे से अधिक प्रोग्रामिंग और कंप्यूटर-सहायता प्राप्त डिज़ाइन प्रशिक्षण के माध्यम से निखारा गया।

मुंबई से आने वाली टीम पैराडक्स में नौ अलग-अलग स्कूलों के 20 छात्र शामिल हैं, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला, गणित के प्रति जुनूनी हैं। समावेशिता और विविधता के प्रति उनका समर्पण स्पष्ट है, जिसमें सराहनीय 45 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है। अहान सिंघवी सहित उनकी सहयोगी तकनीकी टीम ने इस प्रतियोगिता का नेतृत्व किया। इस टीम में आकृत अग्रवाल, अथर्व सुंकरसेट, नियोना गुप्ता, सारा कछवाला, केया राजगढ़िया, और 14 अन्य ड्राइव टीम प्रोग्रामिंग टीम सीएडी नीव नेगंधी,देव शाह,आर्यन काबरा, शयान वैद्य,अनन्या शर्मा,ईशान तलाटी,आद्या सचदेवा,अली खोराकीवाला,माना शाह,तारा गुहा ठाकुरता,जैक्सन बैलार्ड, मैथली अग्रवाल,युवम लूनकर,अथर्व सुंकरसेट शामिल थे।

अहान सिंघवी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हमारी टीम 2 बार हारी और 40 वें स्थान पर पंहुच गयी लेकिन टीम सदस्यों ने हार नहंी मानी और अपना हौंसला मजबूत रखते हुए प्रतियोगिता में जोरदार वापसी करते हुए 40 वें नम्बर से पहले नमम्बर पर पंहुच कर ह्यूस्टन के लिये क्वालिफाई किया जो भारत के लिये गर्व की बात है।

पैराडक्स का प्रभाव रोबोटिक्स से परे है। उनके आउटरीच प्रयासों में श्रीलंका में अग्रणी फर्स्ट रोबोटिक्स शामिल है, जहाँ उन्होंने तीन एफटीसी टीमों की स्थापना की और उनका मार्गदर्शन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने क्राउडफंडिंग और कॉर्पाेरेट भागीदारी के माध्यम से 20,000 डॉलर से अधिक का फंड हासिल किया, जो मुंबई और श्रीलंका दोनों में वंचित समुदायों की ओर गया। फर्स्ट सिर्फ़ रोबोट बनाने से परे बच्चों को प्रभावित करता है; इसमें प्रभावी संचार, धन उगाहना, सहयोग और रचनात्मकता जैसे जीवन कौशल सीखना शामिल है और इसलिए वे दूसरों को यह अवसर प्रदान करने का प्रयास करते हैं।

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