आईपीआर के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जानकारी इस पुस्तक में निहित -प्रो. सारंगदेवोत*

 *पुस्तक  'अनलॉकिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स: ए जर्नी ऑफ जनरल अवेयरनेस' का हुआ अनावरण*


*आईपीआर के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जानकारी इस पुस्तक में निहित -प्रो. सारंगदेवोत*



उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल।बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की जटिलताओं को उजागर करने और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए, कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत तथा डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा लिखित, "अनलॉकिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स: ए जर्नी ऑफ जनरल अवेयरनेस" शीर्षक से पुस्तक का विमोचन जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में  कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत, श्रीगोविन्द गुरु विवि गोधरा गुजरात के कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चौहान, दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. योगानंद शास्त्री, डॉ. जगपाल सिंह द्वारा किया गया। .

कुलपति सारंगदेवोत ने बताया कि यह पुस्तक आईपीआर के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जानकारी प्रदान करती है, जो न केवल कानूनी पेशेवरों के लिए बल्कि बौद्धिक संपदा की बारीकियों को समझने में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए भी उपयोगी है। डॉ. चंद्रेश छतलानी ने पुस्तक के पीछे की प्रेरणा पर अंतर्दृष्टि साझा की।

इस अवसर पर  प्रो. प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की जटिलताओं को समझ कर और उन्हें सुलभ बनाकर, हम राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं।

डॉ. योगानंद शास्त्री ने कहा कि पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने की आवश्यकता है तथा छात्रों, उद्यमियों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए यह पुस्तक एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करेगी।

इस कार्यक्रम में पीजीडीन प्रो. जीएम मेहता, डॉ. संजय चौधरी, डॉ. प्रदीप सिंह शक्तावत, डॉ. शिल्पा कंठालिया,  निजी सचिव केके कुमावत, डॉ. यज्ञ आमेटा, डॉ. ललित सालवी, विकास डांगी, युवराज सिंह सारंगदेवोत उपस्थित थे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग