पेंशनर्स ने की समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना
पेंशनर्स ने की समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना
उदयपुर 27 मार्च। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर पेन्शनर्स वेलफेयर सोसायटी की कार्यकारिणी की आपात बैठक आज सोसायटी कार्यालय में आयोजित की गयी। बैठक में अध्यक्ष डा सुरेन्द्र भटनागर, सचिव गणेश पालीवाल सदस्य डॉ सुभाष भार्गव, डॉ. जी.एस. आमेटा, शक्ति नारायण माथुर, कोमल सिंह राठौर, सुश्री प्रेमलता मेहता, सुरेश मेहता, मोहन सिंह चौहान, रामेश्वर शर्मा, देवी लाल तेली एवं माहम्मद हुसैन इत्यादि उपस्थित रहे। सोसायटी अध्यक्ष डॉ भटनागर ने बताया कि बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों ने समय समय पर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ हुई वार्ताओं एवं अनेकों बार लिखे पत्रों के माध्यम से पेन्शनर्स की समस्याओं के निराकरण के लिये प्रार्थना की है लेकिन अभी तक एमपीयूएटी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं जिस कारण से सभी पेन्शनर्स साथी व्यथित हैं और उनमें रोष व्याप्त है।
अभी हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा पेन्शनर्स के लिए दोनों डी. ए. 46% एवं 50% के आदेश विश्वविद्यालय में भी जारी करने के आदेश पारित किये गए थे किन्तु विश्वविद्यालय ने इसे राजस्थान सरकार को स्वीकृति हेतु भेज दिया । उल्लेखनीय है कि एमपीयूएटी पेन्शनर्स के दो डी.ए. क्रमशः 4- 4% जुलाई 2023 से और जनवरी 2024 से देना बाकी है। महासचिव आर.के. राजपूत ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से विश्वविद्यालय पेन्शन भुगतान में समर्थ है। अतः डी.ए. के आदेश स्वतः ही जारी कर देने चाहिये थे किन्तु विश्वविद्यालय ने इसको स्वीकृति के लिए सरकार का भेज दिया है जो कि उचित नहीं था। उन्होने बताया कि इसी आधार पर कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर जो कि अपने पेन्शनर्स को नियमित भुगतान कर रहे है, ने भी दोनों डी.ए. 46% एव 50% के आदेश जारी कर दिये है।
विश्वविद्यालय प्रशासन को होली पूर्व 21 मार्च को पत्र के माध्यम से पुनः निवेदन किया गया था कि इन सभी बातों का संज्ञान ले कर और सभी पेन्शनर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही दोनो डी.ए. के आदेश जारी किये जाये। यदि यह आदेश दिनांक 27 मार्च 2023 तक जारी नहीं किये जाते हैं तो सोसायटी के सभी सदस्य दिनांक 28 मार्च 2024 को प्रातः 11.00 बजे विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगें। और इससे होने वाली अव्यवस्थाओं के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार होगा।
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