पं. कौशल दत्त शर्मा का स्वामीश्री गोविन्ददेव गिरि जी महाराज के अमृत महोत्सव के वेदशास्त्र परिसंवाद में हुआ सम्मान
पं. कौशल दत्त शर्मा का स्वामीश्री गोविन्ददेव गिरि जी महाराज के अमृत महोत्सव के वेदशास्त्र परिसंवाद में हुआ सम्मान
नीमकाथाना- पुणे के निकट इन्द्रायणी के सुरम्य तट पर बसे आलन्दी ( अलंकापुरी ) में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास मथुरा के उपाध्यक्ष महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती के वरदपुत्र श्रीश्री 1008 परमपूज्य स्वामीजी श्रीगोविन्ददेव गिरिजी महाराज के 75 वें जन्मोत्सव पर दिनांक 6 फरवरी से 10 फरवरी तक आयोजित गीताभक्ति अमृत महोत्सव के "वेदशास्त्र परिसंवाद" में राजस्थान के जाने-माने ज्योतिर्विद् पंडित श्री हनुमान प्रसाद जोशी के सुपुत्र शिक्षाविद् पं. कौशल दत्त शर्मा का "ज्योतिष शास्त्र का वैज्ञानिक महत्व" विषय पर विवेचनात्मक उद्बोधन देने एवं शास्त्र परिसंवाद करने के उपलक्ष्य में आलंदी-पुणे में सनातन संस्कृति के उत्कृष्ट संवाहक श्री कांचीकामकोटि मठ के पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामीश्री विजयेन्द्र सरस्वतीजी महाराज की साक्षात् समुपस्थिति में महामना स्वामीजी महाराज ने आशीर्वाद स्वरूप श्रीफल प्रतीकचिह्न मौक्तिकमाला पुस्तक उत्तरीय एवं विशेष नकद देकर भारतवर्ष की विभूतियों के सामने सम्मानित किया।
पांच दिन चले इस महाकुम्भ में श्री गोविन्ददेव गिरि जी महाराज के लाखों शिष्यों के साथ सनातनी धर्मध्वजा के संवाहक शंकराचार्य जी के पावन सानिध्य में सरसंघचालक श्री मोहन भागवतजी, योगी आदित्यनाथजी, धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्रीजी, मलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदासजी, ओजस्विता तेजस्विता के पर्याय पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठजी, साध्वी ऋतम्भरा जी आदि अनेकों धर्म सम्राटों और राजनेताओं की समुपस्थिति में स्वामीजी का 75 वां जन्मदिन अमृत महोत्सव के रूप में सम्पन्न हुआ।
पूणे में आयोजित अनेकों विशेष आयोजनों में "वेदशास्त्र परिसंवाद" एक अनूठा प्रयोग रहा। जिसमें भारत भर से अपने अपने विषयों के निष्णात अट्ठारह विद्वज्जनों को आमंत्रित किया गया था। बाबा विश्वनाथ की राजधानी काशी जी के विद्वद् वरेण्य प्रो. श्री युगल किशोर जी मिश्र एवं प्रो. श्री श्रीकिशोर जी मिश्र के पावन सानिध्य एवं श्री शंकराचार्य जी की अध्यक्षता में वेदशास्त्र परिसंवाद सुसम्पन्न हुआ। सभी सन्त-महन्तों एवं विद्वज्जनों विप्रजनों ने वैदिक पुष्पाञ्जली अर्पित कर स्वामी को जन्मदिन पर नैरुज्य दीर्घायुष्यमयसफल यशस्वी जीवन की मंगलकामनाएं दीं।
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