भूपाल नोबल्स पी.जी. महाविद्यालय द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला के भूविज्ञान एवं खनिज सम्पदा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

 भूपाल नोबल्स पी.जी. महाविद्यालय द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला के भूविज्ञान एवं खनिज सम्पदा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन



संवाददाता विवेक अग्रवाल

उदयपुर 10 फरवरी। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा "अरावली पर्वत श्रृंखला के भूविज्ञान, उत्पत्ति एवं खनिज संसाधनों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज शुभारम्भ हुआ संगोष्ठी के उ‌द्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि खान एवं भूविज्ञान राजस्थान सरकार के पूर्व निदेशक पी.के. वर्डिया ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान प्रदेश के लिए एक वरदान है। उन्हीं पर्वत श्रृंखला में 40 से अधिक प्रकार के खनिज पाये जाते हैं जो कि राज्य एवं देश की आर्थिक उन्नति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने के लिए खनिज संसाधनों का अविवेकपूर्ण एवं अनियंत्रित दोहन किया जा रहा है जो कि पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण के लिए चिन्ता का विषय है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में बड़ौदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.सी. तिवारी ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला विश्व की प्राचीनतम पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। यहाँ 330 करोड वर्ष से लेकर 90 करोड़ वर्ष पूर्व आयु की विभिन्न चट्टानें एवं खनिज सम्पदा मिलती है। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वेदान्ता समूह की एक्सप्लोरेशन प्रमुख डॉ. कविता भारद्वाज ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला में भारत के सबसे विशाल सीसा-जस्ता-चांदी के भण्डार है।

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