जीवन संभावनाओं की असीमित उड़ान है, इसमें हताशा और निराशा को हावी न होने दे- प्रो. श्रीनिवासन अय्यर
जीवन संभावनाओं की असीमित उड़ान है, इसमें हताशा और निराशा को हावी न होने दे- प्रो. श्रीनिवासन अय्यर
नकारात्मक विचार सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है-प्रो. अय्यर
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा" युवा स्वप्न एवं चुनौतियां" विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन कुंभा सभागार में किया गया। मुख्य वक्ता साहित्यकार, चित्रकार एवं शिक्षाविद प्रो. श्रीनिवासन अय्यर ने उपस्थित विद्यार्थियों को राष्ट्र की युवाशक्ति के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि हमारी अगली पीढ़ी हमेशा दस कदम आगे हैं, इंटरनेट में, सोच में, एक्शन में और अपने निर्णय लेने में ,भले ही वह स्वयं के लिए सोचते हो लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि आपने जो चुना है वह सही हो तथा अच्छे और बुरे में फर्क समझ में आ जाए। युवा पीढ़ी में बढ़ती आत्महत्या की दर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यदि नकारात्मक विचार आए तो सर्वप्रथम किसी विश्वसनीय मित्र के साथ अपनी व्यथा को साझा करें। प्रत्येक दिवस नयी आशा एवं नया संदेश लेकर आता हैअत:जीवन में हताशा को कभी स्वयं पर हावी ना होने दे। संभावनाएं अनंत है, उसमें से एक अपने लिए भी तलाश लीजिए। सहायक आचार्य डॉ. चंद्र रेखा शर्मा ने धन्यवाद अर्पित किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. रेणू राठौड़ ने युवाओं को समय एवं अपनी प्रतिभा का मूल्य पहचाने के साथ ही,आप देशऔर समाज को क्या अर्पित कर सकते हैं, इस पर विचार की आवश्यकता पर बल दिया। बीएन विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, प्रेसिडेंट डॉ.महेंद्र सिंह राठौड़ एवं रजिस्ट्रार मोहब्बत सिंह राठौड़ ने प्रेषित संदेश में कहा कि विद्यार्थी साहित्य एवं समाज में हो रहे नवाचारों से अवगत होने के साथ ही अपनी अंतर्निहित क्षमता को पहचाने और राष्ट्र को मज़बूत बनाने के लिए सकारात्मक सोच और रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता पर बल दे। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और ऐसे में युवाओं को मानसिक दृढ़ता का विकास कर देश का एक प्रबुद्ध नागरिक बनना चाहिये। इस अवसर पर सह अधिष्ठाता डॉ.रितु तोमर एवं डॉ संगीता राठौड़ भी उपस्थित रहे। यह जानकारी विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ कमल सिंह राठौड़ ने दी।
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