तरुण चेतना द्वारा “बेटी बचाओ – बेटी पढाओ” अभियान जारी: लिंग भेदभाव बेटियों के विकास में सबसे बड़ी बाधा –शिव शंकर महिलायें अबला नहीं सबला हैं - गार्गी पटेल

 तरुण चेतना द्वारा “बेटी बचाओ – बेटी पढाओ” अभियान जारी:




लिंग भेदभाव बेटियों के विकास में सबसे बड़ी बाधा –शिव शंकर




 महिलायें अबला नहीं सबला हैं - गार्गी पटेल



तरुण चेतना द्वारा “बेटी बचाओ – बेटी पढाओ” अभियान जारी:


लिंग भेदभाव बेटियों के विकास में सबसे बड़ी बाधा –शिव शंकर


 महिलायें अबला नहीं सबला हैं - गार्गी पटेल


सुभाष तिवारी लखनऊ


पट्टी।राष्ट्रीय बालिका दिवस अभियान 2024 के तीसरे दिन तरुण चेतना, वात्सल्य-लखनऊ और फावा नेटवर्क के संयुक्त तत्वाधान में “बेटी बचाओ – बेटी पढाओ” के अंतर्गत पट्टी ब्लाक के सरसतपुर ग्राम पंचायत में “लिंग आधारित भेदभाव के कारण और निवारण” पर महिलाओं और किशोरियों के साथ खेल और गोष्ठी के माध्यम से जेंडर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य सन्दर्भ व्यक्ति शिव शंकर चौरसिया ने कहा कि लिंग भेदभाव महिलाओं और बेटियों के विकास में सबसे बड़ी बाधा है, इसे दूर करके ही हम बेटियों को सशक्त कर सकते हैं. श्री चौरसिया ने जोर देकर कहा कि पितृसत्तात्मक सोच के कारण ही कभी कभी महिलाये भी अपनी बेटियों व् बहू के साथ भेद-भाव करती हैं, जिसके नाते समाज उन्हें ही दोषी मान लेता है जबकि इसका प्रमुख कारण पुरुष प्रधान सोच है, जिसे जाने- अनजाने में महिलाये इसका वाहक बन जाती हैं। कार्यक्रम में गार्गी पटेल ने बताया कि संविधान में महिला-पुरुष सभी को बराबरी का अधिकार दिया गया है पर समाज में आज भी बराबरी का अधिकार स्वीकार नहीं करता है , आज भी लिंग के आधार पर हर जाति व धर्म में भेद भाव है जिसके कारण परंपरागत रूप से महिलाओ को अबला या कमजोर के रूप में देखा जाता है और उनके साथ घर व समाज दोनो जगह पर शोषण व भेद भाव होता है। यहाँ तक कि लिंग जांच कराकर बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है। जो पूरे समाज के लिए चिंताजनक है. जबकि महिलाये अबला नहीं सबला हैं बशर्ते उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। कार्यक्रम में बृजलाल वर्मा, कलावती देवी, आरती वर्मा सहित सहीद अहमद ने भी अपने विचार व्यक्त किये।



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