विद्यापीठ - संस्कृति वार्षिकोत्सव 2023 रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुआ उत्कृष्ट विधार्थियों का किया सम्मान संस्कार, परंपराएं, सोच: व्यक्तित्व निर्माण का आधार - प्रो सारंगदेवोत
विद्यापीठ - संस्कृति वार्षिकोत्सव 2023 रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ हुआ
उत्कृष्ट विधार्थियों का किया सम्मान
संस्कार, परंपराएं, सोच: व्यक्तित्व निर्माण का आधार - प्रो सारंगदेवोत
विवेक अग्रवाल
उदयपुर संवाददाता (जनतंत्र की आवाज) 05 दिसम्बर । राजस्थान विद्यापीठ के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की ओर से मंगलवार को महाविद्यालय के सभागार में आयोजित संस्कृति वार्षिकोत्सव 2023 का आगाज कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. सुनिता मुर्डिया, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. अमी राठौड़ ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीपदान कर किया।
वार्षिकोत्सव के नाम के अनुरूप ही विद्याार्थियों ने भारतीस संस्कृति के विभिन्न रूपों को जीवन्त करते हुए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुुतियां दी गई, जिसकी शुरूआत गणपति वंदना, शिव स्तुति, राजस्थानी लोक नृत्य, मराठी लावणी सहित रक्तबीज संहार जैसी प्रस्तुतियां दे उपस्थित अतिथि एवं दर्शकों को मंत्रमूग्ध कर दिया।
महाविद्यालय द्वारा आयोजित मेहंदी, सलाद डेकोरेशन, एकल गीत, विचित्र वेशभूषा, आशुभाषण, रंगोली, फेस पेंटिंग, काव्य पाठ, वन मिनट गेम, केश सज्जा, नेल आर्ट, मांडना, एकाभिनय, युगल नृत्य विराउट गैस कुकिंग, प्रश्नोत्तरी, समूह नृत्य, समूह लोक गीत, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि संस्कृति मनुष्य को बनाती है। हमारे संस्कार, परंपराएं, सोच और आदतें, हमारे व्यक्तित्व को समाज के सामने परिलक्षित करती है। यही संस्कार हमें न केवल मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते है बल्कि हमारे आध्यात्मिक उन्नति के पथ को प्रकाशित कर शान्ति के मार्ग पर ले जाता है। समृद्वि हमें हमारी शिक्षा से मिल जाती है किन्तु शान्ति का मार्ग सिर्फ आध्यात्मिकता से ही प्रकाशित होता है।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रशिक्षणार्णियों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत उन्नित के साथ साथ उनके भावी व्यवसायिक जीवन के लिए तैयार करने तथा उन्हें प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने के लिहाज से महाविद्यालय की ओर से ये प्रयास किये जाते है।
समारोह में महाविद्यालय के संकाय सदस्य एवं विधार्थियों ने जमकर लुफ्त उठाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरीश चौबीसा ने किया जबकि आभार डॉ. रचना राठौड़ ने ज्ञापित किया।
यह जानकारी निजी सचिव केके कुमावत ने दी।
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