नीमकाथाना के निकट पाटन के प्रशासन का अजब आदेश एक ने बंद किया, दूसरे ने 72 घंटे में खोला

 *नीमकाथाना के निकट पाटन के प्रशासन का अजब आदेश एक ने बंद किया, दूसरे ने 72 घंटे में खोला


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पाटन पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव किशोरपुरा जहां अभी तीन चार रोज पूर्व ही अनियंत्रित होकर मोड़ में एक औवर लोड ुट्रोला पलट गया था ⁉️ किशोरपुरा गांव के अधीन कुछ हिस्सा शेष वन विभाग के सुरक्षित क्षेत्र में है वन विभाग द्वारा उक्त रास्ते को जेसीबी की सहायता से अस्थाई बंद कर दिया गया था। और बीते दिन 28 6 25 को तहसीलदार महोदय दलबल सहित मौके पर पहुंचकर उसे वापस खुलवा दिया गया ।इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। और राजनीति और प्रशासन दोनों के प्रति गहरा रोष प्रकट किया।

ऐसे क्या कारण रहे की वन विभाग द्वारा रास्ते को बंद किया और मात्र 72 ,, बेहतर घंटे बाद तहसील प्रशासन किसी के दबाव में उसी रास्ते को वापस खुलवा देते हैं। नीमकाथाना क्रेशर जोन का एक हब कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी ।। क्योंकि खनन क्षेत्र में इतनी अनियमिताएं हैं ।  कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन या भविष्य में श्रीगंगानगर से बीकानेर एक रेलगाड़ी जिसमें अब 75% यात्री कैंसर रोगी बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में डॉक्टर के पास दवा लेने जाते हैं।। ठीक ऐसे  ही भविष्य में यदि ऐसा ही यहां तो वह दिन दूर नहीं !!! जब हमारे यहां की रेल ,बस दमा (अस्थमा) के रोगियों से आती रहेगी। 

अर्थात खन न व्यवसाय इस कदर हावी है कि एक लीज की आड़ में खान विभाग के कार्की जुगलबंदी से तीन-तीन और अन्य लीज में अवैध खनन दिन-रात हो रहा है। ऊपर से औवर लोड की भी गंभीर समस्या है जिसके परिणाम स्वरूप इस सड़क पर अनियंत्रित होकर तेज गति से दौड़ते हुएु औवर लोड वाहनों से टकराकर बेकसूर लोग अपनी जान गंवा बैठे ,,लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद नीम का थाना प्रशासन मुक दर्शक बना हुआ है।

वन विभाग द्वारा रास्ते को बंद करना तथा तहसीलदार महोदय द्वारा वापस खोलना स्पष्ट जुगलबंदी की ओर इशारा करती है⁉️⁉️⁉️ और यह उस जुगलबंदी का ही परिणाम है की मात्र 72 घंटे में ही रास्ते को वापस खोल दिया जाता है अर्थात क्रेसर मालिकों की लाॅबी ही इस रास्ते का उपयोग करती आ रही है,, जिसके कारण उनके काम में बाधा आ रही थी ,सो उन्होंने येन,केंन प्रकरण अपना हित साध लिया। 

ग्रामीणों को अपने मवेशियों से हाथ धोना पड़ता है। क्योंकि इन अनियंत्रित औवर लोड वाहनों की चपेट में बेकसूर प्राणी आ जाते हैं और ऐसे में ही काल के ग्रास बन जाते हैं। इस नीम का थाना के उच्च अधिकारी महोदय इन विभागीय आपसी कसम कस को समाप्त कर ,आम जन के हितों को मध्य नजर रखते हुए रास्ते को पूर्व की भांति बंद करवाया जाए। अन्यथा फिर कोई नया हादसा होगा ,,जिसका जिम्मेवार कौन होगा।। इसलिए  समय रहते उच्च प्रशासनिक गण संयुक्त टीम द्वारा मौका मुआयना करने के पश्चात जो जनहित में हो वही कार्य किया जाए ।जिससे कि ग्रामीणों में आक्रोश नहीं बढ़े,, तथा किसी भी तरह की हानि से भविष्य में सुरक्षा हो। 

इलेक्ट्रिक न्यूज़ रिपोर्टर शिंभू सिंह शेखावत सीकर नीमकाथाना

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