वीरता शौर्य और राष्ट्र समर्पण के प्रति महाराणा सांगा की जयंती पर श्री क्षत्रिय युवक संघ में ऐतिहासिक संगोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए वैदिक हवन संपन्न

 वीरता शौर्य और राष्ट्र समर्पण के प्रति महाराणा सांगा की जयंती पर श्री क्षत्रिय युवक संघ में ऐतिहासिक संगोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए वैदिक हवन संपन्न



।।।।।।।।।युवा पीढ़ी में राष्ट्र प्रेम इतिहास बोध और संगठन शीलता का हुआ बीजारोपण।               जयपुर,१२अप्रेल(संवाददाता)।                     भारत के इतिहास में स्वाभिमान नेतृत्व और युद्ध कौशल के सर्वोच्च प्रतीक रहे महाराणा सांगा की जयंती के पावन अवसर पर आज श्री क्षत्रिय युवक संघ के केंद्रीय कार्यालय संघ शक्ति जयपुर में एक दिवसीय ऐतिहासिक संगोष्ठी सोंग्स कार्तिक आयोजन हुए सामूहिक वैदिक भवन का भव्य आयोजन किया गया यह आयोजन में केवल महाराणा सांगा के अद्वितीय व्यक्तित्व और बलिदान को पुनः स्मरण करने का अवसर बना, बल्कि युवाओं के भीतर राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक चेतना और संगठन की भावना को भी जाग्रत करने में मील का पत्थर सिद्ध हुआ।                                                   *संस्कार हवनं, प्रार्थना व सहगायन से हुआ शुभारंभ। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई जिसमें वातावरण को पवित्र व शांति से भर दिया इसके पक्ष टी प्रस्तुत किया गया मधुर प्रार्थना गीत वंदना के गीत मेरे सभी उपस्थित जन ऑन को भक्ति और आत्म निष्ठा से जोड़ा गया उसके बाद श्री सुधीर सिंह ठाकरियावास द्वारा प्रस्तुत सामूहिक सहगान ,आओ जरा बैठकर, ने  संध की भावनात्मक शक्ति आतम्यता ओर कर्तव्यनिष्ठा को प्रभावी ढंग से अभिव्यक्त किया।                                                    राणा सांगा के जीवन पर सागर भी व्याख्यान। श्री रमन भारद्वाज ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में महाराणा सांगा के गौरवशाली जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके संघर्षों युद्धों अपराजिता और राष्ट्रभक्ति की मिशालों को उदित किया उनके विचारों में युवाओं में वीरता और स्वाभिमान का संचार किया।                        मातृशक्ति का राष्ट्र निर्माण में योगदान।              श्रीमती राखी राठौर ने संस्कार निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर विचारों के जग भाषण देते हुए कहा कि यदि राष्ट्र को संस्कारवान बनाना है तो उसकी नींव माता के हाथों में ही रखनी होगी उन्होंने मात्र शक्ति को युग निर्माता बताया।                              इतिहास की रक्षा में सजग प्रहरी श्री राजवीर सिंह चलकोई।                                          मुख्य वक्ता श्री राजवीर सिंह चल कोई ने संसद में महाराणा संग पर की गई अनुचित टिप्पणी का तथात्मक खंडन करते हुए उनके गौरवशाली चरित्र सैन्य कुशलता और राष्ट्र निष्ठा पर इतिहास सम्मत दस्तावेजों में प्रमाणो के आधार पर सशक्त तर्क रखे।         सांस्कृतिक व समरसता से गूंजा परिसर।        श्री भंवर सिंह पीपासर द्वारा प्रस्तुत गीत, भय मुझको नहीं है,अपमान का ।को उपस्थित युवाओं और गणमान्य जनों ने सामूहिक स्वर में गाकर वातावरण को वीर रस और सामूहिक ता से भर दिया।                  आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बन वैदिक हवन। राणा सांगा जयंती के इस शुभ अवसर पर सभी समाज बंधुओ द्वारा सामूहिक वैदिक हवन का आयोजन किया गया वैदिक मित्रों की गुण और आहुति से अग्नि शिखा ने वातावरण को आत्म बल और देव शक्ति से ओतप्रोत कर दिया।          संग संग संरक्षक का आशीर्वचन और प्रेरणा कार्यक्रम के समापन अवसर पर श्री क्षत्रिय युवक संघ के आदरणीय संरक्षक माननीय श्री भगवान सिंह जी रोलसाहब्सर ने युवाओं को संस्कृति सेवा और संगठन के एट त्रिवेणी मार्ग पर चलने का आवाहन किया।

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