पशु पालन विभाग में सेवा समाप्ति कर, रकम ऐंठने का रिकॉर्ड बना-

 पशु पालन विभाग में सेवा समाप्ति कर, रकम ऐंठने का रिकॉर्ड बना-



- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! राजस्थान सरकार के पशु पालन विभाग के अधीनस्थ सवाई माधोपुर के अधिकारियों और कर्मचारीगण ने मिली भगत कर ड्यूटी पर उपस्थित कर्मचारी को प्रतिदिन बालेर के पशु पलकों को चिकित्सालय में  कार्य करने से,वी. ए. ने ग्रामवासियों और ग्राम पंचायत के कहने पर भी उपहास उड़ाते हुए उपस्थिति पंजिका में हाजिरी दर्ज करने नहीं दी! फिर भी सत्य तो सत्य है! जिला पशु पालन अधिकारी को ड्यूटी मानते हुए वेतन जुलाई, 1993 का पूरा भुगतान किया गया है! 

निदेशक महोदय डॉ. रंजन के कोई आदेश नहीं माने गए! और निदेशालय की जाँच शाखा का काला कारनामा यह रहा कि प्रार्थी के प्रार्थना पर निदेशक महोदय के आदेशों को ही गायब कर दिया! यहाँ तक कि निदेशक महोदय ने वेतन भुगतान होने पर ड्यूटी पर कैलाश कौशिक एल. एस.ए.को ड्यूटी  पत्रान्क - FV 38 (612) स्था.जाँच/445 जयपुर दी.07/02/2014 पर आदेशित है! फिर उच्च न्यायालय और निदेशालय को भी कार्यालय सहायक धन्ना लाल मीना द्वारा गलत रिपोर्टिंग किया जाना आम बात थी! तत्कालीन जिला अधिकारी के स्पष्टिकरण को ही क्लर्क ने दबा दिया! ऐसे विभाग से और क्या उम्मीद की जा सकती है? यही इनके काले कारनामे भृष्टाचारीयों के हैं! विभाग में जम कर लूट खसोट की गई! इन्होंने रकम मांगने खाने का सेवा समाप्ति का खौफ बनाया है! क्या राज्य सरकार पत्रकारों की प्रमाणित विवेचना पर न्याय देगी?

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