गीता- जन जन के लिए', 70 पृष्ठों में श्रीमद्भगवद्गीता का सन्देश* संभागीय आयुक्त करेगी विमोचन

 *'गीता- जन जन के लिए', 70 पृष्ठों में श्रीमद्भगवद्गीता का सन्देश* संभागीय आयुक्त करेगी विमोचन



उदयपुर 19 अप्रैल। गीता जन-जन के लिए पुस्तक का विमोचन रविवार को अशोकनगर स्थित विज्ञान भवन सभागार में संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी के द्वारा किया जाएगा। समाज सेविका श्रीमती विजयलक्ष्मी बंसल ने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता, एक ऐसा महाग्रंथ है जिसे भारतीय परम्परा के अनुसार वही स्थान प्राप्त है जो उपनिषद और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गाय और गीता को उसका दूध कहा गया है। पौराणिक काल में भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध क्षेत्र में जो उपदेश अर्जुन को दिया वो हर युग में सार्थक है, क्योंकि हर मन्युष का जीवन एक युद्ध क्षेत्र है जहाँ निरंतर एक द्वंद्व चल रहा है। और आज की अति व्यस्त जीवन शैली में इससे उबरने के लिए हर व्यक्ति समाधान की तलाश में है। ऐसे में उदयपुर शहर की समाज सेविका, 80 वर्षीय श्रीमती विजय लक्ष्मी बंसल ने श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ कर जो शांति ,और ज्ञान अर्जित किया है उसे अंत्यंत सरल भाषा में जन जन के लिए एक गुटके (धार्मिक ग्रन्थ का छोटा रूप) के रूप में

पेश किया है। उनकी इस  पुस्तिका, 'गीता- जन जन के लिए', का लोकार्पण रविवार 20 अप्रैल को संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी  द्वारा किया जायेगा। यह कार्यक्रम सायं: 7 बजे विज्ञान समिति सभागार में आयोजित किया जाएगा। युवा पीढ़ी के लिये जीवन संघर्षों से लड़ने की राह को आसान बनाने, और गीता का सन्देश हर जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से लिखी इस पुस्तिका को श्रीमती बंसल शहर के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में निःशुल्क वितरित भी करेंगी।

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