क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न श्रमिक वर्ग को देश की मुख्य धारा से जोड़ने व स्थायी आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत - प्रो. सारंगदेवोत

 क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न 

श्रमिक वर्ग को देश की मुख्य धारा से जोड़ने व स्थायी आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत - प्रो. सारंगदेवोत



उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशालय उदयपुर के क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विवि के कुलपति सचिवालय के सभागार में सम्पन्न हुई। 

प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए पदेन सचिव व क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी जगदीप सिंह ने 2024-25 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो श्रमिकों के हाथ मजबूत करने होंगे। सिंह ने ई श्रम पोर्टल, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना की जानकारी दी। 

अध्यक्षता करते हुए कुलपति एवं क्षेत्रीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि देश को जनना है तो हमें श्रमिक एवं गांवों को जानना होगा, उन्हे सुदृढ करना होगा। श्रमिकों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें स्थायी आत्म निर्भर बनाये देश विकास की ओर अग्रसर नहीं हो सकता है। श्रमिकों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखना होगा। उन्होंने कहा कि हम कितना भी तकनीक का प्रयोग कर ले, लेकिन श्रमिको के श्रम की जरूरत हर समय रहेगी। संस्थापक मनीषी पंडित नागर ने 1937 में श्रमिकों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से ही रात्रिकालीन श्रमजीवी कॉलेज की स्थापना की, जिसमें दिन में काम करने वाले श्रमजीवियों को शिक्षा दी जाती थी। आज के समय हर घर परिवार में कार्य करने के लिए, महिला एवं पुरूष आते है जिनका पूरा जीवन अंधकार में है। आज हर व्यक्ति जो कार्य करता है वह श्रमिक है, चाहे शारीरिक हो या मानसिक। मालिक कम पैसा देकर अधिक कार्य कराना चाहता है , इस मानसिकता को बदलना होगा। आज भी देश में बड़ी संख्या में असंगठित श्रमिकों का शोषण हो रहा है, उन्हे दैनिक वेतनमान भी पूरा नहीं मिल रहा है। श्रमिक इतना चाहते है कि जिस जगह वह कार्य कर रहे हैं, उन्हंे पूरा सम्मान मिले। आज भी श्रमिक अपनी बूनियादी जरूरतों के लिए तरस रहा है, हालांकि कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं, जिन्होंने मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए लडाई लडी है। आवश्यकता है केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाने की। जागरूकता के अभाव में इस लाभ से वे आज भी वंचित है।  

सिस्टर कीर्ति कैथरिन डेविड मेेकवान ने कहा कि घरों में कार्य करने वाली महिला एवं पुरूषों को भी श्रमिक मानते हुए उन्हे भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले प्रयास किये जाने की जरूरत है। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक मे इस वर्ग को श्रमिक माना गया है, पूरे देश मेें यह व्यवस्था हो इस पर कार्य करने की जरूरत है।

बैठक में पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा, बालकृष्ण शुक्ला, जिला उद्योग एवं वाणिक्य अधिकारी प्रिंस परमार, पवन गोयल, चन्द्रभान सिंह, मांगीलाल लुनावत, राजकुमार गौड़, पवन तलेसरा, गजेन्द्र सिंह, गोपी किशन, नदीम खान, पवन तलेसरा ने श्रमिकों की स्थिति को सुदृढ़ करने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

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