पशु पालन विभाग के पशु चिकित्सालय बालेर वी.ए. कर्मी की निकृष्ठता और कार्य क्षेत्र की ग्राम पंचायत , ग्रामीण उच्च प्राथमिक चिकित्सालय, बालेर में उपस्थिति सत्यापित --
पशु पालन विभाग के पशु चिकित्सालय बालेर वी.ए. कर्मी की निकृष्ठता और कार्य क्षेत्र की ग्राम पंचायत , ग्रामीण उच्च प्राथमिक चिकित्सालय, बालेर में उपस्थिति सत्यापित --
कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर। सवाई माधोपुर जिले के पशु चिकित्सालय में वी.ए. प्रभारी की मर्जीयां,विभागीय भृष्टाचारियों का अडडा वर्ष 1993 में बना रहा? ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बालेर में OPD क्रमांक-690/17-03-93 पर मदन मोहन वी.ए.ने अपना नाम दर्ज कराया और
क्रमांक - 691/17- 03-93 पर स्वम कैलाश चंद्र कौशिक ने चिकित्सा ली , ड्यूटी पर उपस्थिति करने नहीं दी। वेतन वृद्धि 17- मार्च- 93 भी D.No.क्रमांक - 198/17-03-93 है, अग्रेसित है। अन्य सूचनाएं भी डिस्पेच रजिस्टर में दर्ज हैं। विभागीय पत्रांक -215/30-03-93 SHO, खंडार एवं क्रमांक- 222/30-03-03-93 क्षेत्रीय नियंत्रण अधिकारी, प्रभारी पशु चिकित्सालय, खंडार को, एवं ग्राम पंचायत, बालेर , तत्कालीन सरपंच/प्रशासक सभी को लिखित में पत्र प्रस्तुत कर सूचित किया कि वी.ए.हाजिरी नहीं करने दे रहा है ,सत्यापित प्रार्थना पत्र प्रेषित रहे हैं। पशु पालन निदेशालय में फिर यह कैसी विडम्बना और भाँति भाँति की मनमाफिक जांचें रची गई और आधी अधूरी एक तरफा सेकेंडरी जाँच, विभागीय निदेशक भी गलत मानसिकता के शिकार रहे थे ?? पशु पालन विभाग के एजेंट मदन मोहन और पशु पालन कार्यालयों की गुंडा गर्दी मारपीट और झगड़े बालेर से स्वम स्थानांतरण करा कर जाने को मजबूर किया। कार्य मुक्ति तक उपस्थिति दर्ज नहीं करने दी गई ? किस तरह नकारा शासन और प्रशासन रहा कि रिकॉर्डेड उपस्थित कर्मचारी को स्वेच्छा से अनुपस्थित बता कर स्थाई और उत्कृष्ट सेवाएं जान बूझ कर समाप्त की गई। यह सब नीचे से उपर तक भृष्टाचार के कारण हुआ। क्या अब पशु पालन विभाग स्वच्छ वातावरण में न्याय करेगा ? उच्च न्यायालय में भी अपने आदेशों से कभी सुनबाई नहीं की ? हमेशा सरकारी वकील गायब रहे और पीड़ित पक्ष के स्वम वकील आज तक 71 वर्ष की अवस्था में भी पेंशन आदि अन्य राहत दिलाने में अक्षम रहे हैं। ऐसे में कोई राहत मिलेगी,एक अनसुलझी पहली नज़र आती है ?? पशु पालन विभाग अब तकलीफ से अन्विज्ञ होने का बाहना कर रहा है ? सेवा पुस्तिका भी रिकॉर्ड से गायब जानबूझ कर की गई है।
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