रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से रंग बिखेरे*
*रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से रंग बिखेरे*
बीकानेर 24 मार्च। अखिल भारतीय साहित्य परिषद महानगर इकाई, बीकानेर द्वारा आयोजित होली स्नेह मिलन समारोह में त्रिभाषा काव्यगोष्ठी में शहर के रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का वाचन कर कार्यक्रम में शब्दरूपी रंग बिखरे।
कार्यक्रम के शुभारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती एवं गिरिजाशंकरजी पाठक "गिरिजेश" के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यंग्यकार, सम्पादक डॉ.अजय जोशी ने कहा कि रचनाकारों के पास शब्दों का विस्तृत भंडार है। सभी रसों में भावप्रवण कविताएं, गीत और ग़ज़लें प्रस्तुत हुई जिससे कार्यक्रम की सार्थकता बनी।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री मधुरिमासिंह ने शहीदों को नमन करते हुए अपने भाव रखे। डॉ कृष्णा आचार्य ने चक्का तू चलाता है, राजाराम स्वर्णकार ने अपना गीत "शब्दों की पूजा करता हूँ" सुनाकर तालियां बटोरी। बाबू बमचकरी ने संचालन करते हुए सभी को अपनी कविताओं से गुदगुदाया, कार्यक्रम में जुगलकिशोर पुरोहित, के के शर्मा, सरोज शर्मा, संदीप पाठक, घनश्यामसिंह ने सबरस बहार शब्दों की वर्षा की। विनोदकुमार ओझा संरक्षक अखिल भारतीय साहित्य परिषद बीकानेर इकाई, डॉक्टर अखिलानंद पाठक अध्यक्ष जोधपुर प्रांत ने साहित्य परिषद द्वारा आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा विस्तार से बताई।
महामंत्री जितेंद्र सिंह राठौड़ ने सभी जे प्रति आभार ज्ञापित किया।
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